जिला निर्वाचन अधिकारी ने दिए शासकीय कर्मचारियों से अपेक्षित आचरण के निर्देश
सीहोर 15 मार्च,2019
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री गणेश शंकर मिश्रा द्वारा लोकसभा निर्वाचन 2019 को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से संपन्न कराने के लिए आदर्श आचार संहिता के तहत शासकीय कर्मचारियों व्यवहार में पूर्ण निष्पक्षता बरतने के निर्देश दिए हैं।
निर्देशानुसार शासकीय कर्मचारियों को चुनाव में बिल्कुल निष्पक्ष रहना चाहिए। यह आवश्यक है कि किसी को यह महसूस न होने दें कि वे निष्पक्ष नहीं हैं जनता को उनकी निष्पक्षता का विश्चास होना चाहिए तथा उन्हें ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे ऐसी शंका भी हो सके कि वे किसी दल या उम्मीदवार की मदद कर रहे हैं। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 129 एवं 134-क के अनुसार निर्वाचन से संबंध अधिकारी/कर्मचारी न तो किसी अभ्यर्थी के लिए कार्य करेगा और न ही मत दिए जाने में कोई असर डालेंगे, इसके अतिरिक्त कोई शासकीय सेवक निर्वाचन अभिकर्ता या गणना अभिकर्ता के रूप में कार्य नहीं कर सकता है।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 28-क के अधीन नियमों के संचालन के लिए सुनियोजित समस्त अधिकारी/कर्मचारी तथा राज्य सरकार द्वारा पदांकित पुलिस अधिकारी निर्वाचन के परिणाम घोषित होने तक निर्वाचन आयोग में प्रतिनियुक्ति पर समझा जावेगा और उस समय तक निर्वाचन आयोग के नियंत्रण अधीक्षण और अनुशासन के अधीन रहेगा। निर्वाचन के सशक्त पदीय कर्तव्य को यथोचित तरीके से जिम्मेदारी पूर्वक करना विधि द्वारा अपेक्षित कर्तव्य है जिसकी अवेहलना शासकीय सेवक को दंड का पात्र बनाती है। यदि किसी प्रकार की शंका हो या किठनाई आए तो कर्मचारी को अपने वरिष्ठ अधिकारी की सलाह लेनी चाहिए
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