देहली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल,आष्टा के संचालकों द्वारा शिक्षक वर्ग की मदद *
देहली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल का निरंतर यही प्रयास रहता है कि शिक्षा की प्रक्रिया सतत चलती रहे। साथ ही यहाँ के संचालक भी इसी के प्रति दृढ़संकल्पित हैं। उनका हमेशा यही प्रयत्न है कि शिक्षा के स्तर को बढ़ाया जा सके एवं इसकी गुणवत्ता में निरन्तर विकास किया जाए। इसी क्रम में विद्यालय संचालकों ने अमेरिका के गूगल से प्रतिष्ठित जी-सुएट खरीदा है जिसमें विद्यार्थियों का ईमेल बनाकर ऑनलाइन लाइव कक्षाएँ लगाई जा रही हैं, जो कि अपने आप में अलग अनुभव है। विद्यार्थी अपने ईमेल में शिक्षकों द्वारा भेजे गए कार्य को भी कभी भी देख सकते हैं एवं अपना कार्य भेज सकते हैं। विद्यालय संचालकों ने यह सुनिश्चित किया कि इस कोरोना काल में भी कोई भी विद्यार्थी पढ़ाई से वंचित ना रह जाए।
परन्तु जैसा कि सभी को विदित है कि इस कोरोना काल ने सबसे अधिक शिक्षा संस्थानों को प्रभावित किया है। हमारे आस-पास के भी अनेक विद्यालयों की स्थिति ठीक नहीं चल रही है। जहाँ विद्यालय प्रशासन एवं शिक्षक इस प्रयत्न में लगे हैं कि बच्चों की शिक्षा रुके नहीं भले ही इसके लिए उन्हें दुगुनी मेहनत से ऑनलाइन कक्षा लेने हेतु तैयारी करनी पड़े या फ़ोन पर बच्चों से सम्पर्क साध कर पढ़ाना पड़े या घर-घर जाकर उन्हें पढ़ाना पड़े, वहीं दूसरी ओर बहुत से अभिभावकों का सार्थक सहयोग नहीं प्राप्त हो रहा है। अभिभावक यह नहीं समझ पा रहे हैं कि नियमित शिक्षा न होने से बच्चों का विकास बाधित होगा और न ही विद्यालयों की ट्यूशन फ़ीस भर कर अपना सहयोग दे रहे हैं । जिसके कारण विद्या के मंदिर बन्द होने के कगार पर आ गए और शिक्षक वर्ग लाचारी के। इसी बात को ध्यान में रखते हुए तथा समाज में शिक्षा एवं शिक्षकों के महत्व को समझते हुए, देहली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल आष्टा के संचालकों सैय्यद परवेज़ अली, बहादुर सिंह सेंधव तथा ज्ञान सिंह ठाकुर ने एक मिसाल पेश की है।
*आष्टा के सरस्वती विद्या मंदिर को आर्थिक मदद करते हुए 51 हजार रुपए की राशि का चेक़ प्रदान किया
ताकि इस विद्यालय के शिक्षकों के वेतन में कोई व्यवधान न हो। इस चेक़ को देहली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल के संचालकों की तरफ़ से विद्यालय प्राचार्या श्रीमती संगीता सूद ने दो सहयोगी शिक्षकों के साथ स्वयं सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल जाकर वहाँ उपस्थित शिक्षकों के सामने उनके प्राचार्य श्री दिनेश शर्मा को सौंपा, जिसे उन्होंने सहर्ष आभार व्यक्त करते हुए ग्रहण किया।
आपसी समन्वयता से हर कठिन परिस्थिति से पार पाया जा सकता है। विद्यालय संचालकों ने अपनी सहृदयता दिखाते हुए शिक्षा के क्षेत्र में इसप्रकार एक और क़दम बढ़ाया है।