शाश्वत ओलीजी आयंबिल तप की आराधना संपन्न*

आष्टा (नि. प्र.) – जैन श्वेताम्बर समाज की शाश्वत ओलीजी तप की आराधना आज संपन्न हुई। जैन धर्म में इस तप का विशेष महत्व है यह तप प्रतिवर्ष नवरात्रि की सप्तमी से प्रारंभ होकर लगातार 9 दिनों तक चलता है जिसमे आराधकों को प्रतिदिन धार्मिक अनुष्ठानों के पश्चात केवल एक समय बिना तेल-नमक-मिर्च-मसाले का उबला तथा भुना हुआ रुखा भोजन करना होता है। फलाहार का विधान नहीं होता है। जैन ग्रंथो के अनुसार इस प्रकार का भोजन मन के कषायों को दूर कर शरीर में एकत्रित हुये विषैले तत्वों को दूर कर बॉडी डिटॉक्स कर स्वस्थ रहने में सहायक होता है और रोगों को दूर करता है। इसी विज्ञान के साथ धर्म के प्रति आस्था भी बढ़ती है।
इस बार इस तप आराधना में साधना वेदमूथा, रिंकू वोहरा, मोना कोचर, सपना सुराणा, तमन्ना चौरड़िया, सारिका वोहरा, रूचि कटारिया एवं सुरेश धाड़ीवाल ने उत्साह के साथ भाग लिया।
9 दिन के इस तप के समापन के अवसर पर पारसमल-संजय कुमार सिंघवी परिवार द्वारा सभी तपस्वियों का अभिनन्दन और बहुमान किया गया और उन्हें भोजन कराया गया जिसे जैन धर्म में पारणा कहा जाता है। इस अवसर पर पूर्व नगर पालिका अध्यक्षा श्रीमती मीना सिंगी सहित रमेश चंद्र पारख, पारसमल सिंघवी, नगीन चंद्र वोहरा, निर्मल रांका, प्रताप चतर्मुथा, अतुल सुराणा, श्रीमती मंजुला सिंघवी, श्रीमती चंदा वोहरा, श्रीमती अलका रांका, श्रीमती अरुणा कोचर, कविता चतर्मुथा आदि उपस्थित रहे।।
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