125 साल प्राचीन चमत्कारेश्वर महादेव मंदिर में दो माह तक चलेगा धार्मिक अनुष्ठान
सावन में शिव की आराधना से होता पूर्ण मनोरथ-पंडित चेतन उपाध्याय
सीहोर। भगवान शिव को जगकर्ता और दुखहर्ता माना जाता है। भगवान शिव सृष्टि का संचालन करने के साथ-साथ संहारक का रूप भी धर लेते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भोले बाबा की विधिवत पूजा करने से वह जल्द ही व्यक्ति की हर इच्छा को पूरा करके हैं। इसके साथ ही हर दुख-दर्द और पाप से मुक्ति मिल जाती है। उक्त विचार शहर के छावनी नगर पालिका परिसर जिला अस्पताल के सामने स्थित प्राचीन श्री चमत्कारेश्वर महादेव मंदिर में सावन के पहले दिन कथा वाचक पंडित चेतन उपाध्याय ने कहे। श्रावण मास के पहले दिन मंदिर परिसर में पंडितों के द्वारा यहां पर मौजूद श्रद्धालुओं के द्वारा भगवान शंकर का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक किया गया।
पंडित श्री उपाध्याय ने कहा कि भगवान शिव को जलाभिषेक, रुद्राभिषेक करने के साथ-साथ कई चीजों अर्पित की जाती है। इन्हीं में से एक चीज है चावल। मान्यता है कि भगवान शिव को अक्षत चढ़ाने से वह जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। आइए जानते हैं कि किस तरह से शिवलिंग में अक्षत चढ़ाने से वह हो जाते हैं जल्द प्रसन्न।
इस संबंध में जानकारी देते हुए श्री चमत्कारेश्वर महादेव मंदिर समिति के अध्यक्ष मनोहर राय ने बताया कि शिवगणों और वैष्णव के प्रिय श्रावण मास की शुरुआत मंगलवार से हो गई है। हर बार की अपेक्षा इस बार का श्रावण मास विशेष होगा क्योंकि इस बार इस विशेष माह की अवधि दो महीने की होगी। 4 जुलाई से शुरू श्रावण मास 30 अगस्त तक चलेगा। करीब 19 साल बाद सावन माह के साथ आ रहे पुरुषोत्तम मास (अधिमास) के कारण यह स्थिति बन रही है। ऐसे में इस बार शिवभक्तों को इस अपने अराध्य भगवान भोलेनाथ को विशेष उपासना के लिए 4 के बजाए 8 सोमवार मिलेंगे। भगवान गोवर्धननाथ ठाकुरजी के उपासकों को अधिमास के एक माह में मिलेगा। हिंदू धर्म में धार्मिक दृष्टि से इस माह का विशेष महत्व है। यहां पर प्रतिदिन धार्मिक कार्यक्रम आचार्य पंडित चेतन उपाध्याय और पंडित देवेन्द्र पाराशर टिटोरावाले द्वारा किया जाएगा।
मंदिर समिति की ऐतिहासिक पहल
समिति के अध्यक्ष श्री राय ने बताया कि श्रावण महोत्सव के उपलक्ष्य में होने जा रही चतुर्थ संकला की कथा श्री शिव महापुराण, श्रीमद् भागवत कथा, श्री राम कथा का ध्वजारोहण पंडित मोहित राम पाठक, चेतन उपाध्याय, देवेंद्र व्यास और हर्षित शास्त्री ध्वजारोहण के लिए उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि आगामी आठ जुलाई से शिव महापुराण का आयोजन किया जाएगा। इसके पश्चात आगामी 28 जुलाई को श्रीमद भागवत कथा, सात अगस्त से श्रीमद भागवत कथा और 18 अगस्त से श्रीराम कथा का आयोजन हमारे शहर के कथा वाचकों के द्वारा किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि पुरुषोत्तम मास में मनेंगे पूरे वर्ष के उत्सव जुलाई से 16 अगस्त तक पुरषोत्तम मास मनाया जाएगा। इस अवधि में महीनेभर में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहार जैसे जन्माष्टमी, राधा अष्टमी उत्सव रथयात्रा, दीपावली, अन्नकूट महोत्सव, शरद पूर्णिमा आदि मनाए जाएंगे। आखिर क्या होता है पुरुषोत्तम मास (अधिमास) पंडित मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि भारतीय कालगणना में चंद्र गणना आधारित वर्ष 354, सौर गणना आधारित एक वर्ष 365 दिन का होता है। दोनों गणनाओं के 11 दिनों के अंतर के समायोजन के लिए हर तीन साल पर चंद्र कैलेंडर में एक अतिरिक्त मास जुड़ जाता है जो अधिमास या पुरुषोत्तम मास के नाम से जाना जाता है। हिंदी वर्ष के जिस माह में अधिमास आता है। उस माह से अगला माह अधिमास की अवधि पूरी होने के बाद शुरू होता है।
