सीहोर-शिव महापुराण के पांचवें दिन भगवान गणेश की लीलाओं के साथ बताया फुलेरा दूज का महत्व अच्छाई और बुराई आपके भीतर है – कथावाचक पंडित श्री मिश्रा

शिव महापुराण के पांचवें दिन भगवान गणेश की लीलाओं के साथ बताया फुलेरा दूज का महत्व

अच्छाई और बुराई आपके भीतर है – कथावाचक पंडित श्री मिश्रा

 

सीहोर,04 मार्च 2022

जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में भागवत भूषण पंडित श्री प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा के पाँचवे दिवस की कथा में भगवान गणेश लीलाओं के साथ ही फुलेरा दूज के महत्व का वर्णन विस्तार से किया गया। फुलेरा दूज के अवसर पर शहर के शिवालयों में हजारों की संख्या में महिलाओं ने भगवान भोलेनाथ के मंदिरों में विशेष रूप से पूजा अर्चना की। सात दिवसीय इस शिव महापुराण कथा को सुनने तथा रुद्राक्ष के शिवलिंग के दर्शन करने के लिए हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन आश्रम पहुंच रहे है। श्रोताओं ने कथा को हर्षोल्लास के साथ आनंदित होते हुए सुना। कथा के दौरान श्रद्धालु भगवान शिव के भजनों में मंत्रमुग्ध होकर नृत्य करने लगे।

कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में जारी सात दिवसीय शिव महापुराण कथा में भागवत भूषण पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि शिवभक्त अपने भोले को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने को हर जतन करते हैं। इसमें पूजा और जलाभिषेक सर्वोपरि है। पूजा में भगवान शिव को चढ़ने वाली वस्तुओं में धतूरा की बड़ी महिमा बताई गई है। पुराणों के अनुसार भगवान शिव को एक धतूरा चढ़ाने का महत्व तरह-तरह के लाभ होते है। उन्होंने कहा कि मनुष्य का जीवन सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकी यही वह जन्म है जिसमें इंसान जो चाहे पा सकता है। हम बगैर मुहूर्त के जन्म लेते हैं और बगैर मुहूर्त के हमारी मृत्यु भी हो जायेगी भलीभांति जानते हैं। इसके बाद भी हम अपना समस्त जीवन बिना लक्ष्य के ही काट देते है। जब तक शिव की कृपा नहीं होती तब तक जीवन सफलता नहीं मिलती है।

अच्छाई और बुराई आपके भीतर है

पंडित श्री मिश्रा ने दुर्योधन युधिष्ठिर प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि अच्छाई-बुराई, शांति-अशांति बाहर से भीतर नहीं, बल्कि भीतर से बाहर की तरफ जाती है। जीवन में जो घटता है उसके जिम्मेदार हम खुद ही होते हैं। अशांति पहले भीतर है, तभी बाहर कोई व्यक्ति उसको प्रकट कर सकता है, लेकिन यदि भीतर शांति है, तो सारा जगत मिलकर भी मुझे अशांत नहीं कर सकता। जो हमारे भीतर होता है वहीं बाहर आता है, जो भीतर है ही नहीं वो बाहर कैसे आ सकेगा। इसलिए पत्नी को अपनी अशांति का जिम्मेदार नहीं ठहराओ, बल्कि अपने भीतर उस अशांति के बीज को नाश करने की कोशिश करो

समिति द्वारा किया जाएगा दिव्यांगों को ट्राइ साइकिल आदि का वितरण

शिव महापुराण के छठवें दिवस भागवत भूषण पंडित श्री मिश्रा के द्वारा दिव्यांगों को ट्राई साइकिल, महिला समूह को सिलाई मशीन के साथ ही आधा दर्जन जरूरतमंद विद्यार्थियों की एक साल की फीस का वितरण किया जाएगा। इसके अलावा शिव महापुराण के दौरान भगवान गणेश के विवाह का प्रसंग का वर्णन भी किया जाएगा।

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