
वी आई टी भोपाल विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय गणित सप्ताह का आयोजन
वी आई टी भोपाल विश्वविद्यालय ने महान भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के 133 वीं जन्म वर्षगांठ
के उपलक्ष्य में “राष्ट्रीय गणित सप्ताह” का आयोजन किया जिसमें प्रश्न मंच
प्रतियोगिता के साथ साथ व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। वी आई टी भोपाल के स्कूल ऑफ़
एडवांस्ड साइंसेज एंड लैंग्वेजेज के गणित विभाग ने इस अवसर पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन
किया जिसमें कुल 500 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। व्याख्यानों की श्रंखला का पहला व्याख्यान
“गणितीय जोख़िम और उसके निदान (मैथेमैटिकल हैज़ार्डस एंड इट्स रेमेडी )” विषय पर आयोजित किया
गया जिसमें उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान, भोपाल के डॉ सभा कांत द्विवेदी ने व्याख्यान दिया। दूसरा
व्याख्यान उच्च शिक्षा विभाग, मध्य प्रदेश शासन के ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी, प्रोफेसर अनिल पाठक ने
“नीड ऑफ़ एप्रोक्सिमेशन इन मैथेमेटिक्स: इन टर्म्स ऑफ़ इन्टरपोलेशन” विषय पर दिया। तीसरा व्याख्यान
हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी, कानपुर के गणित विभाग में प्रोफेसर डॉ आर एन त्रिपाठी ने “गणित में
श्रीनिवास रामानुजन के योगदान” विषय पर दिया।
वी आई टी भोपाल के स्कूल ऑफ़ एडवांस्ड साइंसेज एंड लैंग्वेजेज के डीन डॉ हरिहर पाढ़ी ने शिक्षकों एवं
प्रतिभागियों को कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए बधाई दी तथा साथ ही उन्होंने महान भारतीय
वैज्ञानिक श्रीनिवास रामानुजन के जीवन के विषय में बताते हुए उनके संघर्षों के बारे में प्रतिभागियों को
बताया।
वी आई टी भोपाल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पी गुनासेकरन ने आयोजन समिति के सदस्यों, डॉ अक्षरा
मकरारिया, डॉ अनंत कांत शुक्ल, डॉ राबिआ मुशीर एवं डॉ मनीषा जैन को इस सफल आयोजन हेतु बधाई
दी। उन्होंने वी आई टी भोपाल प्रबंधन को आयोजन हेतु आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने हेतु धन्यवाद
दिया। उन्होंने कहा कि गणित विज्ञान की समस्त विधाओं की जननी है। उन्होंने प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के
विजेताओं के नामों की घोषणा की। प्रथम पुरस्कार कुमुद जैन को प्राप्त हुआ, सुमेधा पूनिया और निष्ठां
पाराशर क्रमशः द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे। प्रतियोगिता में 4000, 3000 व 2000 रुपये के नगद
पुरस्कार क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त प्रतिभागियों को दिए गए। समारोह के अंतिम दिन के
कार्यक्रम का समापन डॉ अनंत कांत शुक्ल के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। यह आयोजन “राष्ट्रीय विज्ञान
एवं प्रौद्योगिकी संचार हेतु राष्ट्रीय परिषद (एनसीएसटीसी)” विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत
सरकार एवं “मध्य प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद” भोपाल, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा समर्थित एवं
वित्त पोषित था।