सीहोर : होली, रंगपंचमी और शब-ए-बारात को आस्था के साथ मनाए जाने को लेकर बैठक सम्पन्न
संवाददाता : धीरज साहू

होली, रंगपंचमी और शब-ए-बारात को आस्था के साथ मनाए जाने को लेकर बैठक
जिला संस्कार मंच ने कहा सख्ती के स्थान पर सुरक्षा और बचाव का दे संदेश
सीहोर। आगामी त्योहार होली, रंग पंचमी औरर शब ए बारात को आस्था के साथ मनाए जाने के लिए जिला संस्कार मंच की एक विशेष बैठक का आयोजन शहर के गाड़ी अड्डा स्थित कार्यालय में आयोजन किया गया। इस मौके पर बैठक में सभी धर्मों के लोगों ने एक सुर में कहा कि जिले में लगी धारा 144 और कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए शासन द्वारा जारी गाइड लाइन का पालन करते हुए आस्था के साथ परम्परागत तरीके से पर्व मनाया जाए। बैठक के दौरान जिला संस्कार मंच के शहर ब्लाक अध्यक्ष हीरु बेलानी ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते इस बार रंग-गुलाल और पिचकारी आदि का व्यापार पर इसका असर पड़ा है, पर्व के कारण हजारों को रोजगार और मिलता था, लेकिन एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के पैर पसारने और लॉक डाउन आदि की चर्चा ने लोगों को बेहाल कर दिया है।
सुरक्षा और बचाव के साथ मनाए पर्व
जिला संस्कार मंच की बैठक के दौरान संतोष बैस ने कहा जिले में दुकानों व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में रस्सी के माध्यम व चूने के गोले बनाकर शारीरिक दूरी का पालन करवाया जाएगा। साथ ही दुकानों व प्रतिष्ठानों में आने वालों के लिए मास्क का इस्तेमाल प्रतिष्ठानों द्वारा सुनिश्चित कराया जाए, वहीं पर्व को मनाने जाने के लिए शासन कुछ राहत दे। सभी धार्मिक स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था के साथ साफ-सफाई, निरंतर विद्युत एवं जल आपूर्ति करने की मांग जिला एवं स्थानीय प्रशासन से की है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए परंपरागत तरीके से सभी पर्व मनाया जाए।
हरे वृक्षों को काटकर न जलाएं होली
वहीं मंच के जिला उपाध्यक्ष नरेन्द्र डाबी ने कहा कि जिला संस्कार मंच सद्भावना के लिए पहचाना जाता है, इस मंच में सभी धर्मों के मनाने वाले एक साथ रहते हुए कार्य करते है, उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से लकड़ी की कमी के चलते अब कंडों की होली जलाने पर ध्यान दिया जा रहा है। गोवंश के गोबर से बने कंडे, मलरिया आदि से होलिका दहन की जाने चाहिए और कुछ सूखी लकडिय़ों का उपयोग किया जाना चाहिए, इसके अलावा प्राकृतिक रंगों एवं अबीर गुलाल और चंदन से परंपरागत तरीके से होली खेलने की अपील की है।