December 10, 2023 3:22 am

“नीर के लिए पीर” का स्थाई समाधान है जल जीवन मिशन

नीर के लिए पीर” का स्थाई समाधान है जल जीवन मिशन

                                                   सीहोर,30 मार्च,2022

       केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने ‘राष्ट्रीय जल जीवन मिशन” की गाइड-लाइन जारी की। इसके मुताबिक गाँव के हर परिवार को नल कनेक्शन से जल उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जा रही है। मिशन में यह प्रावधान रखा गया कि ग्रामीण आबादी में नल से जल उपलब्ध कराने पर होने वाला व्यय केन्द्र तथा राज्य सरकार बराबर-बराबर वहन करेंगी। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मिशन की खूबियों को जाना और इसके सफल क्रियान्वयन के लिये अपनी पूरी शक्ति लगा दी। उनका मानना था कि ग्रामीण अंचल की माता-बहनों की “नीर के लिए पीर” को मिशन के माध्यम से हमेशा के लिए दूर किया जा सकता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान का संकल्प भी हैं कि मिशन से प्रदेश की करीब सवा 5 करोड़ ग्रामीण आबादी को नल कनेक्शन के जरिए गुणवत्तापूर्ण जल की व्यवस्था समय-सीमा में हो जाए।

            प्रदेश में जून 2020 से जल जीवन मिशन में ग्रामीण पेयजल व्यवस्था को गति मिली और ग्रामीण परिवारों को नल से जल। इस तरह गाँव के हर घर में नल कनेक्शन से जल उपलब्ध करवाने का सिलसिला प्रारम्भ हुआ। अब सभी जिलों की ग्रामीण आबादी को नल कनेक्शन से जल उपलब्ध करवाने के कार्य तेज गति से चल रहे हैं। प्रदेश में बदलाव के साक्ष्य के रूप में मिशन में 48 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन से निरन्तर जल प्रदाय शुरू हो गया है। मिशन से सभी स्कूलों और आँगनवाड़ियों में भी नल कनेक्शन से पेयजल प्रदान करने के अभियान में भी तेजी से काम किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में अब तक लगभग 69 हजार से अधिक शालाओं तथा 40 हजार से अधिक आँगनवाड़ियों में नल से जल सुलभ कराया जा चुका है। शेष स्कूल और आँगनवाड़ियों में नल से जल पहुँचाने का कार्य निरंतर जारी है। जल जीवन मिशन में जल-संरचनाओं के निर्माण और संधारण के कार्य लगभग हर जिले में जारी हैं। ग्रामीण जनसंख्या के आधार पर प्राप्त प्रस्तावों पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जल-प्रदाय योजनाओं की स्वीकृति दिये जाने का सिलसिला बना हुआ है।

            कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला जल एवं स्वच्छता समिति और गाँव स्तर पर ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों का गठन किया गया है। योजना में निर्माण लागत की 10 प्रतिशत राशि जन-भागीदारी से जुटाने का प्रावधान है, जो श्रम, सामग्री अथवा नगद राशि के रूप में ली जा रही है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति बहुल ग्रामों में जन-भागीदारी का अंश 5 प्रतिशत रखा गया है।

            मिशन में ग्रामीण परिवारों को मिल रहा जल गुणवत्तापूर्ण है, इसकी समुचित जाँच के लिए स्थानीय महिलाओं को एफटीके से जल परीक्षण का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जल-प्रदाय योजना का संचालन और संधारण बेहतर बनाये रखने के लिए वित्त प्रबंधन आवश्यक है। स्व-सहायता समूह की महिलाओं के सेक्टर वाइस क्लस्टर बनाकर उन्हें जल उपभोक्ता परिवारों से जलदर प्राप्त करने का दायित्व भी सौंपा गया है। जलप्रदाय योजनाओं के संचालन में भविष्य में आने वाली रूकाबट अथवा खराबी को स्थानीय स्तर पर दूर किया जा सके इसके लिए कौशल विकास प्रशिक्षण के तहत स्थानीय युवाओं को समुचित प्रशिक्षण दिया जायेगा। जलप्रदाय योजना क्षेत्र के रहवासी करीब 50 हजार युवाओं को उनकी रूचि के अनुसार मैशन, पिलम्बर, इलेक्ट्रिशियन, मोटर मैकेनिक तथा पम्प आपरेटर के कार्यो का प्रशिक्षण देकर दक्ष बनाया जा रहा है। इससे जलप्रदाय योजनाओं को लेकर भविष्य में आई किसी भी कठिनाई को स्थानीय स्तर पर दूर किया जा सकेगा और युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।

Share on facebook
Share on twitter
Share on whatsapp
Share on reddit
Share on telegram

Leave a Comment

ताज़ा खबर

प्रदेश में कोरोना संक्रमण में तेजी से गिरावट मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना में 10 हजार से अधिक मरीजों का नि:शुल्क इलाज मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा की 

हमसे जुड़े

error: Content is protected !!