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नियमितीकरण की मांग को लेकर सड़क पर उतरे अतिथि विद्वान,मुख्यमंत्री के गृह जिले से किया आंदोलन का शुभारंभ

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नियमितीकरण की मांग को लेकर सड़क पर उतरे अतिथि विद्वान

चिंतामन श्रीगणेश मंदिर के सामने दिया प्रदेशभर के अतिथि
विद्वानों ने धरना,पूजा अर्चना के बाद सौपा भगवान को ज्ञापन

मुख्यमंत्री के गृह जिले से किया आंदोलन का शुभारंभ

सीहोर। प्रदेश के शासकीय कॉलेजों में कार्यरत अतिथि विद्वानों ने सरकार की बेरुखी के बाद आंदोलन का झंडा बुलंद कर दिया है। अतिथि विद्वान अब बड़ी स्क्रीन पर वीडियो पिक्चर दिखा कर कांग्रेस शासनकाल के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा अतिथि विद्वानों से किए गए वादे की याद भी दिलाएंगे।अतिथि विद्वान विरोध रैली लेकर भोपाल तक जाएंगे और उच्च शिक्षा मंत्री सहित मुख्यमंत्री के नाम मांगों का ज्ञापन देंगे।

 
अतिथि विद्वानो ने नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा मध्यप्रदेश के बैनर तले प्रदेश अध्यक्ष डॉ सुरजीत सिंह भदोरिया के नेतृत्व में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में स्थित चिंतामन श्री गणेश मंदिर में पहुंचकर सबसे पहले भगवान को ज्ञापन दिया। इसके बाद अतिथि विद्वानों ने भगवान चिंतामन की विधिवत पूजा अर्चना की ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपना वादा याद दिलाते हुए उन्हें सद्बुद्धि देने की भगवान से कामना की।

अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा मध्य प्रदेश अध्यक्ष डॉ सुजीत सिंह भदोरिया ने बताया कि शुक्रवार को मध्य प्रदेश के सभी जिलों में कार्यरत अतिथि विद्वान अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर सीहोर के चिंतामन गणेश मंदिर परिसर में एकत्रित हुए। प्रदेश अध्यक्ष श्री भदौरिया ने बताया कि समस्या के निराकरण का आधार होते हुए भी सरकार के द्वारा इस मामले में लेटलतीफी की जा रही है।
भाजपा सरकार के द्वारा आपात रूप से नियुक्त सहयोगी प्राध्यापकों जो की लोक सेवा आयोग से चयनित हुए उन्हें मानवीय आधार पर नियमित किया गया है। जिसके लिए बकायदा वर्ष 2003,2005 और 2007 में नियुक्ति आदेश भी जारी किया गया है। इसी प्रकार भाजपा शासित हरियाणा हिमाचल प्रदेश उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में भी बिना किसी परीक्षा के अतिथि विद्वानों सहायक प्राध्यापकों को सीधे नियमित कर दिया गया है लेकिन मध्यप्रदेश में कार्यरत अतिथि विद्वानों के साथ लगातार सरकार के द्वारा अन्याय किया जा रहा है। जिसके चलते शासकीय कॉलेजों में कार्यरत अतिथि विद्वानों का भविष्य अंधकारमय हो गया है।

जबकि मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग ने वर्ष 2015 में नियमितीकरण के लिए विभागीय नोटशीट मंत्री परिषद को दी थी जिसके बाद सुपर न्यूमरेरी पद बनाकर समस्या का समाधान किया गया था। अतिथि विद्वानों की समस्या का समाधान के इतने विकल्प होने के बावजूद सरकार इस मामले में बेरुखी दिखा रही है जिसके चलते अतिथि विद्वान निराशा के हालातों से गुजर रहे हैं। नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा मध्यप्रदेश के द्वारा अतिथि विद्वानों को एक निश्चित वेतनमान अधिकार 65 वर्ष की उम्र तक उनकी सेवा को स्थाई तत्व प्रदान करने और उनके पदों को भरा माना जाने तथा स्थानांतरण या नई नियुक्तियों के होने पर उन्हें किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं किए जाने की मांग की जा रही है।

प्रदर्शन में डॉक्टर बी एल दोहरे, डॉ रईस खान, डॉ संजय पांडे, अविनाश मिश्रा, डॉ पूजा मिश्रा, विभा श्रीवास्तव, डॉ वसीम खान,  डॉ अवधेश पांडे, डॉ वसीमउल्लाह खान, डॉ बीएल टोडेकर सहित बड़ी संख्या में प्रदेश भर के अतिथि विद्वान सम्मिलित रहे।

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