सीहोर : 03 मई को बाल विवाह रोकथाम के लिए दलों का गठन

▪︎03 मई को अक्षय तृतीया सामूहिक विवाहों का आयोजन सर्वाधिक मुहूर्त
▪︎03 मई को बाल विवाह रोकथाम के लिए दलों का गठन
▪︎बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत वैधानिक कार्यवाही की जाएगी
अक्षय तृतीया 03 मई 2022 के अवसर पर सामूहिक विवाहों का आयोजन किया जाता है।इप आयोजनों में बाल विवाह होने की प्रबंल संभावना होती है। 03 मई अक्षय तृतीया के अवसर पर बाल विवाह की सूचना के लिए कन्ट्रोल रूम स्थापित किया जाता है।
इस संबंध में कलेक्टर श्री चन्द्र मोहन ठाकुर ने प्रत्येक अनुभाग एवं तहसील स्तर पर कन्ट्रोल रूम स्थापित कर और इसके लिए दल भी गठित किये गये है। जो अपने-अपने क्षेत्र में बाल विवाहों पर निगरानी रख कर बाल विवाह रोथा के लिए आवश्यक कार्यवाही करेंगें। कन्ट्रोल रूम प्रभारी अपने दल के साथ पूरे समय अपने कार्यक्षेत्र पर उपस्थित रहकर जैसे ही बाल विवाह की सूचना मिलती है वैसे ही तत्काल आवश्यक कार्यवाही की जाए। दल प्रभारी गठित दल के अतिरिक्त अपने स्तर से भी अपने क्षेत्र अन्य स्टाफ को इसके लिए निर्देशित किया गया है।
03 माई को अक्षय तृतीया के अवसर पर विशेष रूप से विवाह पर निगरानी रखते हुए पूरे वर्ष अभियान अन्तर्गत बाल विवाह रोकथाम के लिए दलों का गठन किया गया है। दल अपने-अपने क्षेत्राधिकार में होने वाले सामूहिक विवाह में वर वधओं की आयु के प्रमाण पत्र का अवलोकन करेंगे। किसी भी परिस्थिति में वर की आयु 21 वर्ष से कम तथा वधु की आयु 18 वर्ष से कम न हो। वर की आयु कम पाए जाने पर बाल विवाह रोकने का प्रयास करेगें अन्यथा वैधानिक कार्यवाही करेंगे। उड़नदस्तों के दल द्वारा यदि उनके क्षेत्राधिकार में कोई बाल विवाह का प्रकरण पाया जाता है तो बाल विवाह करने वाले बाल विवाह को प्रोत्साहित करने जैसे बाल विवाह में सम्मिलित बाराती विवाह स्थल/गटेन्ट खाना बनाने वाले रसोईयाकेटर काजी पण्डित तथा पत्रिका छापने पहले प्रिंटिंग ऐस के मालिक केके विरुद्ध भी बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के कार्यवाही की जाये।
समस्त माता-पिताओं से अनुरोध है कि अपने बच्चों का विवाह विधि अनुरूप विवाह की निर्धारित आयु के पूर्व (लडकी की 18 वर्ष एवं लडके की 21 वर्ष) किसी भी दशा में ना करें। साथ ही अन्य समस्त जनसाधारण एवं विवाह में सेवा देने वाले सेवाप्रदाताओं से भी अनुरोध है कि ऐसे किसी भी विवाह कार्यक्रम में ना तो शामिल हों और ना ही अपनी सेवाएं दें अन्यथा उनके विरुद्ध अधिनियम अंतर्गत कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
इसी क्रम में एक विशेष अपील विवाह कराने वाले धर्मगुरूओं, विवाह में सेवा देने वाले सेवाप्रदाताओं तथा मुद्रकों (विवाह पत्रिका छापने वाली प्रिटिंक प्रेस आदि) से की जाती है कि वे विवाह के पूर्ववर एवं वधु दोनों की सही आयु की संतुष्टि हेतु उनके मूल जन्म प्रमाण पत्र, अंकसूची, स्कूल की टी.सी. आदि की सत्यापित छायाप्रति प्राप्त कर अपने पास अनिवार्य रूप से संग्रहित करें तथा उम्र सही होने की दशा में ही विवाह की पत्रिका छापें एवं सेवाये देना सुनिश्चित करें।
जहां विवाह होने वाले लडका व लडकी की उम्र सही न होने की दशा में विवाह पत्रिका न छापे और न ही अपनी सेवायें दें। साथ ही ऐसे प्रकरणों की सूचना तत्काल जिला एवं ब्लॉक स्तर पर संचालित महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यालय को देंवे। सूचनाकर्ता की जानकारी पूर्णतः गोपनीय रखी जावेगी। यदि किसी धर्मगुरू (पंडित, मौलवी आदि) के द्वारा विधि अनुरूप विवाह की निर्धारित आयु से कम आयु के लडके अथवा लडकी का विवाह संपन्न कराया जाता है अथवा किसी मुद्रक द्वारा ऐसी पत्रिका छापी जाती है या विवाह में सेवा देने वाले सेवाप्रदाताओं द्वारा ऐसे विवाह में सेवा प्रदाय की जाती है तो उस व्यक्ति, सेवाप्रदाता, मुद्रक, फर्म के विरूद्व वाल विवाह अधिनियम, 2006 के तहत कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
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