अनुविभागीय अधिकारी महोदय की अध्यक्षता में क्रायसिस मेंनेजमेंट ग्रुप के निर्णय अनुसार बैठक का आयोजन किया गया जिसमें विकासखण्ड आष्टा के अन्तर्गत समस्त निजी चिकित्सालयों एवं प्रयोगशालाओं को आमंत्रित कर कोविड़-19 महामारी के नियंत्रण एवं उपचार के प्रोर्टाकॉल का पालन तथा समस्त स्वास्थ्य संस्थाऐं एक सामंजस्य के रूप में कार्य करने के उद्देश्य निम्नलिखित बिन्दूओं पर चर्चा एवं निर्देशित किया गया ।
विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी द्वारा समस्त निजी चिकित्सालयों एवं प्रयोगशालाओं को संबोधित करते हुए प्रोटॉकॉल से अवगत कराया गया ।
1.प्रतिदिन ओ.पी.डी. की जानकारी संधारित करना एवं विवरण के साथ स्वास्थ्य विभाग को भेजे जाना।
2.प्रतिदिन ओ.पी.डी. में आये नये मरीजों में कोविड के संबंध में सामान्य लक्षण दिखने पर भी कोविड-19 टेस्ट अवश्य रूप करवाना।
3.प्रत्येक मरीज को उपचार से पूर्व कोविड़ ग्रसित मरीज मानते हुए प्रोटोकॉल अनुसार उपचार प्रदान कर एवं देखरेख तथा कोविड़ के संदेश देना।
4.अस्पताल में मरीज एवं स्टाफ सभी को मास्क लगाना एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने हेतु अनिवार्य रूप से निर्देशित करना।
5.प्रत्येक अस्पताल में गाईड अनुसार एम.बी.बी.एस. चिकित्सक की उपलब्धा अनिवार्य है।
6.अस्पताल परिसर को प्रतिदिन सेनेटाईजेशन/फ्यूमिगेट करना आवश्यक है।
7.एैसे मरीज जिनकी रिपोर्ट पॉजिटीव है उनका प्रोटोकॉल अनुसार परामर्श अथवा उपचार दिया जाना सुनिश्चित करें।
8.कोविड संक्रमित मरीज जिनका ऑक्सीजन लेवल 95 से अधिक है एैसे मरीजों को होम आईसोलेट किया जाना एवं 9.प्रतिदिन फालोअप कर स्वास्थ्य परीक्षण करना अनिवार्य होगा।
10.प्रत्येक अस्पताल द्वारा दल गठित कर कोविड संक्रमिक मरीजों का फालोअप करवाया जावे।
11.अस्पताल में कोविड़ संक्रमित मरीजों को भर्ती करने के लिए पृथक से कोविड़ आईसोलेशन वार्ड/कोविड़ आई.सी.यू. होना अनिवार्य है।
12.लक्षण आधारित संक्रमित मरीज पाऐ जाने पर पहले दिन ही सिटी स्केन कराया जाना प्रोटोकॉल विरूद्ध माना गया है।
13.कोविड़ संक्रमित मरीज को स्ट्राईड पहले सप्ताह से दिया जाना मरीज की जान के साथ खिलवाड़ होगा स्ट्राईड दूसरे सप्ताह में दिया जाना है।
14.एन्टी वायरल उपचार पहले सप्ताह से ही दिया जाना है।
एैसे मरीज को ही उपचारित किया जावे जिनका आपके स्तर पर पूर्ण प्रबंधन किया जा सकता है।
15.कोविड़ संक्रमित मरीज को गंभीर (मृणासन) स्थिति में सिविल अस्पताल आष्टा में ना भेंजें।
16.समस्त अस्पतालों में जीवन सुरक्षा हेतु निजी एम्बूलेंस की उपलब्धता अनिवार्य है।
17.गंभीर मरीज जिनका ऑक्सीजन सेच्यूरेशन 80 से कम हो एैसे मरीज को सिटी स्केन के लिए एम्बूलेंस में ऑक्सीजन लगाकर ही भेंजे।
18.रेनबीसिवर इन्जेक्शन का उपयोग उर्पयुक्त रूप में ही प्रोटोकॉल के अनुसार सुनिश्चित करें अनावश्यक रूप से इन्जेक्शन का उपयोग एवं परामर्श ना दिया जावे।
19.अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा बैठक में दिये निर्देश।
समस्त निजी अस्पताल कोविड़ संक्रमित मरीजों का उपचार प्रोटोकॉल अनुसार किया जाना अनिवार्य होगा। निजी अस्पताल में प्रोटोकॉल का का पालन नहीं पाया गया तो संचालक के विरूद्ध होने वाली कार्यवाही के लिए स्वयं उत्तरदायी रहेगा।
कोविड़ संक्रमित मरीजों की जानकारी प्रतिदिन निर्धारित फार्मेट में दी जानी है। किसी भी अस्पताल द्वारा संक्रमितों की जानकारी छूपाने पर अस्पताल व लेब को कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए तत्काल सील करने की कार्यवाही की जावेगी।
प्रतिदिन अस्पताल में उपलब्ध ऑक्सीजन सिलेण्डर क्रियाशील स्थिति में व स्टॉक की स्थिति से अवगत कराया जाना होगा।
समस्त निजी अस्पताल व लेब मानव सेवा का प्रण लेते हुए कोविड़-19 महामारी में शासन प्रशासन का नियमों का पालन करते हुए संक्रमित मरीजों का उपचार व परामर्श प्रदान करेंगें।
समस्त निजी अस्पताल जिनमें कोविड़-19 का उपचार प्रदान किया जा रहा है वहां पर पी.पी.ई. किट, आवश्यक उपकरण होने पर ही उपचार प्रदान किया जावे। प्रशासन द्वारा निजी अस्पताल एवं प्रयोगशाला का समस्त आवश्यक उपकरणों एवं उपचार के पालन हेतु प्रोटोकॉल के अनुसार निरीक्षण किया जावेगा।
अतः समस्त निजी चिकित्सालय एवं प्रयोगशाला उपरोक्त निर्देशों का कढ़ाई से पालन कर विकासखण्ड आष्टा के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था सुनिश्चित करनें में अपना बहुमूल्य सहयोग व निर्देशों का पालन करते हुए कोरोना जंग में आष्टा में संगठित रूप से कार्य कर सुरक्षा चक्र का निर्माण करें।
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