December 7, 2023 3:09 am

रिमझिम बारिश के मध्य कथा का श्रवण किया श्रद्धालुओं ने पहले दिन निकाली शोभा यात्रा, क्षेत्रवासियों ने किया पुष्प वर्षा कर स्वागत

रिमझिम बारिश के मध्य कथा का श्रवण किया श्रद्धालुओं ने
पहले दिन निकाली शोभा यात्रा, क्षेत्रवासियों ने किया पुष्प वर्षा कर स्वागत

सीहोर। हर साल की तरह इस साल भी अग्रवाल महिला मंडल के तत्वाधान में शहर की आन, बान और शान भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के मुखारविन्द से सात दिवसीय भागवत कथा का शुभारंभ सुबह शहर के बड़ा बाजार स्थित सत्यनारायण मंदिर से सादगी से शोभा यात्रा निकाली गई और दोपहर के बाद भागवत कथा का आयोजन किया गया। पहले दिन रिमझिम बारिश के मध्य भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा का आनंद लिया।
वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शोभा यात्रा की शुरुआत हुई। सबसे आगे कार्यक्रम आयोजक सिर पर पोथी रखकर चल रहे थे। इसके पीछे बड़ी संख्या में महिलाएं मंगलगीत गाती हुईं चल रही थीं। इसके पीछे बैंडबाजों की धुनों पर श्रद्धालु भजन करते हुए चल रहे थे। शोभा यात्रा के बीच में पड़ने वाले मंदिरों में भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा आदि ने पूजन अर्चन किया। बाद में यात्रा शहर के बड़ा बाजार स्थित अग्रवाल धर्मशाला पहुंची। वहां वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ कलशों की स्थापना की गई। इसके बाद सात दिवसीय कथा की शुरू हुई। भागवत कथा के पहले दिन विधायक सुदेश राय, उनकी धर्म पत्नी श्रीमती अरुणा राय, नगर पालिका के युवा अध्यक्ष प्रिंस राठौर, अग्रवाल महिला मंडल सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पंडित श्री मिश्रा का स्वागत और सम्मान किया। कथा के पहले दिन पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि  क्या हम कभी भी ईश्वर द्वारा दी गई अनमोल सांसों का कर्ज उतार सकते हैं? क्या हमने इसके लिए आज तक भी उस ईश्वर का धन्यवाद किया? यदि नहीं किया है, तो हमें आज से ही ईश्वर का गुणगान करना शुरू कर देना चाहिए। दिन में लगभग 21,600 बार सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया करता है। इन सांसों के चलने का क्रम हमें भक्ति से जोड़ना है, भगवान के द्वारा दी गई यह सांसे हमें भगवान की भक्ति में लगानी चाहिए। उन्होंने कहा कि लगातार 24 वां साल है महिला मंडल के प्रयास से यहां पर कथा का आयोजन किया जा रहा है। श्रीमद्भागवत कथा परमात्मा का अक्षर स्वरूप है। यह परमहंसों की संहिता है, भागवत कथा हृदय को जागृत कर मुक्ति का मार्ग दिखाता है। भादो मास में इसके श्रवण का महत्व है। भागवत कथा भगवान के प्रति अनुराग उत्पन्न करती है। यह ग्रंथ वेद, उपनिषद का सार रूपी फल है। यह कथा रूपी अमृत देवताओं को भी दुर्लभ है। इस संबंध में जानकारी देते हुए अग्रवाल महिला मंडल की अध्यक्ष श्रीमती ज्योति अग्रवाल ने बताया कि भागवत कथा के दूसरे दिन शिव कथा का विस्तार से वर्णन किया जाएगा।

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