चार दिन में चालू होगी सिविल अस्पताल की सोनोग्राफी मशीन,मरीजों को नहीं जाना पड़ेगा प्राइवेट अस्पताल

- अस्पताल प्रबंधन ने सोनोग्राफी मशीन चालू करने तैयारी की पूरी
आष्टा. शहर के शासकीय अस्पताल में इलाज और जांच कराने आने वाले मरीजों के लिए अच्छी खबर है। अब उनको डॉक्टर ने सोनोग्राफी कराने बोला तो इधर उधर निजी अस्पतालों के चक्कर नहीं काटना पड़ेंगे। वह आसानी से सिविल अस्पताल में ही अपनी जांच करा सकेंगे। अस्पताल की सोनोग्राफी मशीन को चालू करने कवायद शुरू हो गई है और यदि सब कुछ ठीक रहा तो तीन से चार दिन के अंदर सोनोग्राफी होने का श्रीगणेश हो जाएगा।
जानकारी के अनुसार,आष्टा सिविल अस्पताल में चार महीने पहले सोनोग्राफी मशीन आई थी, लेकिन रेडियोलॉजिस्ट नहीं होने से यह मशीन शोपीस बनकर रह गई थी। मरीज को सोनोग्राफी कराने की नौबात आई तो वह सोनोग्राफी कक्ष तक जाता तो था, लेकिन मायूस लौटना पड़ता था। ऐसे में आखरी विकल्प प्राइवेट अस्पताल रहता था। प्राइवेट अस्पताल में सोनोग्राफी कराने 700 से 1100 रुपए तक देने पड़ते हैं। इससे मरीजों के सामने बड़ी दिक्कत खड़ी हो गई थी। गरीब मरीज सोनोग्राफी करा ही नहीं पाते थे और उनको वापस घर लौटना पड़ता था। इस समस्या से अब उनको जल्द ही राहत मिलने वाली है।
बाहर के रखे जाएंगे डॉक्टर
सीएमएचओ कार्यालय सीहोर से अस्पताल की सोनोग्राफी को चालू करने आदेश जारी हो गए हैं। बताया जाता है कि सोनोग्र्राफी करने के लिए चार बाहर से डॉक्टर रखे जाएंगे। यह डॉक्टर एक घंटे का समय देकर अस्पताल में आने वाले मरीजों की सोनोग्राफी जांच करेंगे। तीन से चार दिन के अंदर सोनोग्राफी की शुरूआत हो जाएगी। अस्पताल प्रबंधन भी इसकी तैयारी में जुट गया है, जिससे कि मरीजों को इसका जल्द से जल्द लाभ मिले।
शिकायत पेटी लगाई
अस्पताल में इलाज के बदले पैसे मांगने या फिर अन्य कोई समस्या है तो उसकी शिकायत दर्ज कराने के लिए प्रबंधन ने लेबर रूम के पास दो शिकायत पेटी लगाई है। यदि किसी मरीज को कोई समस्या है तो वह पत्र लिखकर इस पेटी में डाल सकता है। प्रबंधन पत्र के आधार पर जांच कर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करेगा। अस्पताल से आष्टा शहर और आसपास के 150 गांव जुड़े हैं। भोपाल इंदौर हाइवे के बीच में होने से कोई घटना हुई तो घायलों को भी यही लाया जाता है। इससे अस्पताल की ओपीडी 500 या फिर उससे अधिक दर्ज होती है।
वर्जन…
सिविल अस्पताल में सोनोग्राफी करने के लिए चार बाहर से डॉक्टर रखे जाएंगे। तीन से चार दिन के अंदर अस्पताल में सोनोग्राफी जांच शुरू हो जाएगी। इसका मरीजों को फायदा मिलेगा।
डॉ.एसकेएस माहौर, बीएमओ आष्टा
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