प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दोनों ही पिछड़ा वर्ग से आते हैं फिर भी पिछड़ा वर्ग का पंचायती राज में आरक्षण समाप्त होना दुर्भाग्यपूर्ण – हरपाल ठाकुर
अखिल भारतीय कांग्रेस सदस्य हर पाल ठाकुर ने पंचायती राज चुनाव में पिछड़ा वर्ग आरक्षण समाप्त होने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है और उससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि मध्यप्रदेश में 15 वर्ष से अधिक समय से पिछड़ा वर्ग से आने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान है फिर भी न्यायालय में उनकी सरकार द्वारा उचित तथ्य नहीं रखे जाने के कारण आरक्षण समाप्ति की स्थिति निर्मित हुई जो बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है हरपाल ठाकुर ने आगे कहा कि न्यायालय से आरक्षण पिछड़ा वर्ग के लिए समाप्त होने के बावजूद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं भाजपा द्वारा उसको पुनः बहाल कराने के लिए संवैधानिक कदम उठाने के बजाय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित पूरी भाजपा इस बात में लग गई कि यह आरक्षण कांग्रेस के कारण समाप्त हुआ है मुझे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीडी शर्मा सहित भाजपा नेताओं की बुद्धि पर तरस आता है कि क्या कांग्रेस सरकार में है या कांग्रेस का कोर्ट है या किसी कांग्रेस के नेता ने पिछड़ा वर्ग का आरक्षण समाप्त करने की मांग की है जो मुख्यमंत्री सहित भाजपा के नेता कांग्रेस पर आरोप लगा रहे हैं हरपाल ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी जी की मंशाअनुसार मध्यप्रदेश में 1993 में कांग्रेस की सरकार के समय पंचायती राज लागू किया और तब से ही लेकर आज तक पिछड़ा वर्ग को आरक्षण मिलता है पर शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने एवं उनके वकीलों ने जब उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हो रही थी तब उचित तथ्य नहीं रखें और ना ही न्यायलय को इस बात के लिए अवगत कराया गया कि मध्य प्रदेश में पिछड़ा वर्ग का आरक्षण विगत 27 वर्षों से संवैधानिक रूप से मिल रहा है शिवराज सिंह सरकार एवं उनके वकीलों की लापरवाही के कारण न्यायालय से दुर्भाग्यपूर्ण आदेश पारित हुआ हरपाल ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को आरोप-प्रत्यारोप के बजाय संवैधानिक रूप से वह कदम उठाना चाहिए जिससे यह आरक्षण पुनः हमारे पिछड़ा वर्ग के भाइयों को मिल सके हरपाल ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं सरकार द्वारा इस आरक्षण को बचाने के लिए तब तक कोई कदम नहीं उठाया गया जब तक की कॉन्ग्रेस द्वारा विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव लाकर उन्हें इस बात के लिए मजबूर ना कर दिया गया कि पिछड़ा वर्ग का आरक्षण समाप्त नहीं किया जा सकता और उसको पुनः लागू कराने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाना चाहिए कांग्रेस के स्थगन प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में यह आश्वासन दिया कि प्रदेश में पंचायती राज के चुनाव पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के बिना नहीं होंगे परंतु दुर्भाग्य है कि अभी तक प्रदेश में चुनाव आगे नहीं बढ़ाए गए हरपाल ठाकुर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहा कि आप उच्चतम न्यायालय मैं पिछड़ा वर्ग का पक्ष मजबूती से रखिए एवं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पिछड़ा वर्ग से ही आते हैं आवश्यक हो तो भारत सरकार से उपरोक्त फैसले को रोकने के लिए एक अध्यादेश पास करवाइए और उसके साथ ही पंचायतों के चुनाव 2014 के आरक्षण पर ना कराकर उन्हें रोटेशन के आधार पर नया आरक्षण कराकर एक साथ करवाइए उपरोक्त कार्रवाई करने में लगने वाले समय के लिए प्रदेश सरकार चुनाव आयोग से निवेदन करें की वर्तमान में जो चुनाव हो रहे हैं वह संवैधानिक नहीं है हरपाल ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री जी उच्चतम न्यायालय ने सरकार एवं चुनाव आयोग को नोटिस जारी करके खुद यहां निर्णय लेने के लिए कहा है कि यदि चुनाव संवैधानिक नहीं हो तो उन्हें नहीं कराया जाए और साथ ही यह स्पष्ट चेतावनी भी दी है कि यदि गैर संवैधानिक चुनाव करवाए गए तो न्यायालय उन्हें रद्द भी कर सकता है इसलिए सरकार को चाहिए कि सरकार नए सिरे से रोटेशन के आधार पर आरक्षण करें एवं कोर्ट से पिछड़ा वर्ग का आरक्षण पुनः बहाल कराएं तब तक वर्तमान में चुनाव आगे बढ़ाए जाने चाहिए ताकि भविष्य में संवैधानिक चुनाव प्रदेश में हो सके हरपाल ठाकुर ने भाजपा नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि आप लोग कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री एवं उनके नेताओं के पिछड़ा वर्ग आरक्षण समाप्त होने के लिए पुतले जला रहे हो झूठ की राजनीति कर बता रहे हो कि आप कितने संवेदनशील हो आपकी सरकार की गलती विपक्ष के सर पर डालने से कुछ नहीं होगा क्योंकि आरक्षण शिवराज सरकार की गलती से समाप्त हुआ है ना कि कांग्रेस की और कांग्रेस के किसी याचिकाकर्ता या वकील ने पिछड़ा वर्ग आरक्षण समाप्त करने के लिए कोर्ट में कोई बात नहीं रखी बल्कि उन्होंने तो पंचायत चुनाव रोटेशन के आधार पर नए आरक्षण से कराने पर अपनी बात रखी थी !!
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