दुर्योधन जैसा दुष्ट व्यक्ति स्वयं भी सुखी नही रहता और
दूसरों को भी सुखी नहीं रहने देता है-पं रविशंकर तिवारी
हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी टाउनहॉल में जारी है श्रीमद भागवत कथा
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सीहेार। दुष्ट व्यक्ति स्वयं भी सुखी नही रहता और दूसरों को भी सुखी नहीं रहने देता है जिस प्रकार दुर्योधन मृत्यु के समीप होकर भी दुष्टता नहीं छोड़ता है और अश्वथामा से पांडवों को मारने की बात कहता है किंतु अश्वथामा पांचों पांडवों को नहीं उनके पुत्रों को मार देता है। इसी प्रकार दुष्ट व्यक्ति स्वयं का परिजनों का देश अहित करता रहता है। भगवान की भक्ति और शक्ति को भी वह समझ नहीं पाता है उक्त विचार मंगलवार को हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी के टाउनहॉल में जारी है श्रीमद भागवत कथा का श्रद्धालुओं को श्रवण कराते हुए भागवत भूषण पं रविशंकर तिवारी ने व्यक्त किए।
उन्होने कहा की महाभारत के समापन उपरांत श्रीमद भागवत कथा भगवान गणेशजी के द्वारा लिखी गई। भागवत कथा में 18 हजार श£ोक है। विभिन्न कथा प्रसंगों के माध्यम से उन्होने कहा की भगवान देने को आतुर है कितू व्यक्ति को भगवान से मांगना भी नहीे आता है। भगवान को रिझाना बुलाना प्रेम करना नहीं आता है विश्वास करके देखिए भगवान सबकुछ देते है। भगवान श्रीकृष्ण त्रिकालदर्शी है अंतर्यामी है कष्टनाशक है भगवान द्रोपती की मदद करते है अर्जुन के सारथी बनते है। पंडित श्री तिवारी ने शुकदेव जन्म कथा का सुनाते हुए श्रद्धालुओं को भगवान की भक्ति का मार्ग दिखाया। कथा प्ररांभ से पूर्व मुख्य यजमान एमडी शर्मा और श्यामा शर्मा के द्वारा भगवान सहित समस्त देवी देवताओंं की आचार्य हरीशचंद्र तिवारी, पंडित राजेश दुबे, पंडित विवेक अवस्थी पंडित हिरेंद्र तिवारी पंडित हर्षदीप दुबे के सानिध्य में पूजा अर्चना की गई। कथा के दौरान मधुर श्रीकृष्ण भजनों पर श्रद्धालुगण नृत्य करते रहे। हाऊसिंग बोर्ड श्रीमद् भागवत कथा आयोजन समिति के मनोज गुजराती, अतुल जोशी, प्रतिमा जोशी, प्रभात शर्मा,रचना, प्रशांत आदि ने नागरिकों ने कार्यक्रम में पहुंचने की अपील की है।
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