रुल ऑफ लॉ का पालन करना सुनिश्चत करें- जिला निर्वाचन अधिकारी
सीहोर 14 मार्च,2019
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री गणेश शंकर मिश्रा द्वारा लोकसभा निर्वाचन को लेकर निष्पक्ष व पारदर्शी मतदान के लिए रुल ऑफ लॉ का पालन करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं, जिसका कढ़ाई से पालन करना सुनिश्चत किया जाए।
कलेक्टर ने निर्देशित किया है कि आम जनता, राजनैतिक दलों एव अन्य हित धारकों से सीधे संपर्क में आने वाले मैदानी अधिकारी/कर्मचारियों का यह दायित्व बनता है कि वह लोकसभा निर्वाचन 2019 के मद्देनजर अपनी प्रत्येक गतिविधि से पारदर्शिता एवं निष्पक्षता की नजीर पेश करें। इसके लिए Rule of Law के सिंद्धांत अक्षरश: पालन करते हुए विभिन्न अधिनियम जैसे दण्ड प्रक्रिया संहिता, भारतीय दंड संहिता, संपत्ति विरुपण निवारण, कोलाहल नियंत्रण, मोटरयान, आबकारी, आर्म्स आदि के प्रावधानों का पालन सुनिश्चत करना चाहिए। प्रावधानों का पालन सुनिश्चत करने के लिए आवश्यकतानुसार प्रतिबंधत्मक कार्यवाही अथवा दण्डात्मक कार्यवाही हेतु अनुविभागीय दण्डाधिकारी, कार्यपालिक मजिस्ट्रेट, अनुविभागीय अधिकारी(पुलिस), थाना प्रभारी, निरीक्षक आदि जिम्मेदार हैं।
शासकीय कर्मचारियों का चुनाव में बिल्कुल निष्पक्ष रहना चाहिए। जनता को उनकी निष्पक्षता का विश्वास होना चाहिए तथा उन्हें ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे कि शंका भी हो सके कि वे किसी दल या उम्मीदवार की मदद कर रहे हैं। शासकीय कर्मचारी को किसी भी प्रकार से चुनाव या प्रचार में भाग नहीं लेना चाहिए तथा उन्हें यह देखना चाहिए कि सरकार में उनकी हैसियत या उन्हें प्रदत्त अधिकारों का लाभ कोई दल या उम्मीदवार न ले सके। निर्वाचन से संबंद्ध अधिकारी/कर्मचारी न तो किसी अभ्यर्थी के लिए कार्य करेगा और न ही उसे मत देने हेतु किसी प्रकार का प्रभाव डालेगा, इसके अतिरिक्त कोई शासकीय सेवक निर्वाचन में खड़े किसी अभ्यर्थी के लिए निर्वाचन अभिकर्ता, मतदान अभिकर्ता या गणना अभिकर्ता के रूप में कार्य नहीं करेगा। यदि मंत्री, संस्था या पार्टी की ओर से आमसभा आयोजित करते है तो सभा की व्यवस्था नहीं की जाए, केवल कानून एवं व्यवस्था बनाए रखना सुनिश्चत करें। यदि कोई मंत्री चुनाव के कार्य से कहीं जाते हैं शासकीय कर्मचारी तथा अधिकारी उनके साथ नहीं जाएंगे। उन अधिकारियों को छोड़कर जिन्हें ऐसी सभा या आयोजन में कानून एवं व्यवस्था के लिए सुरक्षा के लिए या कार्यवाही नोट करने के लिए तैनात किया गया हो, दूसरे अधिकारियों को ऐसी सभा या आयोजन में शामिल नहीं होना चाहिए। निर्वाचन से संबंद्ध अधिकारी/कर्मचारी को यदि किसी प्रकार की शंका हो या कठिनाई आए तो वरिष्ठ अधिकारी की सलाह लेनी चाहिए। यह आदेश 10 मार्च से 23 मई तक प्रभावशील रहेगा।