(खुशियों की दास्तां)संध्या की धड़कनों को मिला राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम से सहारा,बैंगलूरू में शासकीय खर्च पर हुआ बच्ची के हृदय का सफल आपरेशन

(खुशियों की दास्तां)
संध्या की धड़कनों को मिला राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम से सहारा
बैंगलूरू में शासकीय खर्च पर हुआ बच्ची के हृदय का सफल आपरेशन
सीहोर, 19 फरवरी, 2019
सीहोर जिले के आष्टा ब्लाक के ग्राम मेहतवाड़ा निवासी श्रमिक श्री गजेन्द्र मालवीय की पुत्री 6 वर्षीय संध्या का स्वास्थ्य हमेशा खराब रहता था। संध्या अपनी उम्र के अन्य बच्चों की तरह सामान्य खेलती-कूदती, दौड़ती भागती नजर नहीं आती थी। वह गुमसुम रहती थी। उसकी हालत देखकर गजेन्द्र मालवीय तथा उनकी पत्नि सीमाबाई बहुत परेशान रहने लगे। बच्ची का प्राथमिक उपचार एवं जांच जब इंदौर के अस्पताल में कराई गई तो उसके हृदय में छेद होना पाया गया। चूंकि गजेन्द्र मालवीय श्रमिक हैं, उनकी मामूली आमदनी में संध्या का इलाज करवापाना मूमकिम नहीं था। उपचार पर एक लाख रूपए का व्यय होने की संभावना के चलते माता-पिता के हाथ-पांव फूल गए।
मेहतवाड़ा पहुंचने पर गजेन्द्र मालवीय को पता चला कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत बच्ची का निःशुल्क और सफल उपचार हो सकता है। परिजन तुरंत सीहोर पहुंचकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.प्रभाकर तिवारी एवं आरबीएसके समन्यक सुश्री दीनू शर्मा से नवंबर 2018 के प्रथम सप्ताह में मिले जिनके उपचार एवं जांच संबधी सभी जरूरी कागजात तैयार कराए गए। बच्ची का सफल ऑपरेशन बैंगलुरू के नारायणा हृदयालय में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा किया गया। बच्ची अब स्वस्थ है उसका वजन भी अब 11 किलो ग्राम हो गया है वह के.जी.-1 में पढ़ती है। सामान्य बच्चों की तरह ही उसकी दिनचर्या हो गई है।
बच्ची के पिता गजेन्द्र मालवीय तथा माता सीमाबाई बताते हैं कि वह बच्ची के जीवित रहने की आस छोड़ चुके थे क्योंकि गरीबी के हालात तथा इंदौर के एक बडे़ अस्पताल से उपचार हेतु मना करने पर उपचार पर होने वाले करीब एक लाख रूपए के व्यय ने उन्हें संध्या को उसके हाल पर छोड़ने मजबूर कर दिया था ऐसे समय में मददगार साबित हुआ राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य काकर्यक्रम जिससे बैंगलुरू के नारायणा अस्पताल में बच्ची के हृदय का सफल ऑपरेशन हुआ और ऑपरेशन पर होने वाले 94 हजार रूपए राज्य शासन ने खर्च किए। संध्या के उपचार के लिए सारी मदद राज्य शासन से प्राप्त हुई और संध्या के माता पिता अपनी बच्ची के उपचार के बाद बहुत खुश है तथा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के आभारी भी हैं।