सीहोर : रंगत, संगत और मेहनत का असर जीवन पर पड़ता है-भागवत भूषण प्रदीप मिश्रा

भगवान गणेश और कार्तिकेय की बाल लीलाओं का वर्णन
रंगत, संगत और मेहनत का असर जीवन पर पड़ता है-भागवत भूषण प्रदीप मिश्रा

सीहोर। रंगत, संगत और मेहनत के कारण ही जीवन का कल्याण होता है। संगति का मनुष्य जीवन पर बहुत अधिक असर पड़ता है। धार्मिक ग्रंथों मे कहा गया है कि मनुष्य का चरित्र दीक्षा से नही वरना चरित्रवान गुरु व साथियों के संग से बनता है। योग्य व प्रतिभावान साथियों की संगति से मनुष्य की बुद्धि पैनी होती है, उसका ज्ञान बढ़ता है और उसके सोचने का ढंग प्रभावशाली होता है। इसके विपरीत मुर्खों, घमंडियों की संगति से बुद्धि पर जड़ता आ जाती है। संगति के प्रभाव से समाज मे आदर, प्रतिष्ठा प्राप्त होती है। चारों ओर यश फैलता है। सच तो यह है कि मनुष्य का सर्वांगीण विकास अच्छी संगति मे ही संभव है।
 उक्त विचार जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में जारी श्री कार्तिक शिव महापुराण कथा के पांचवें दिन भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहे। शुक्रवार को श्री मिश्रा ने आगे जलंधर की शक्ति थी उसकी पत्नी वृंदा जिसके पतिव्रत धर्म के कारण सभी देवी-देवता जलंधर मिलकर भी उसे पराजित नहीं कर पा रहे थे। जलंधर को इससे अपने बल का अभिमान हो गया और वह वृंदा के पतिव्रत की अवहेलना करके देवताओं की स्त्रियों को सताने लगा। इसके अलावा भगवान गणेश और कार्तिकेय की बाल लीलाओं का विस्तार से वर्णन किया गया।
भगवान की कथा सबसे महत्वपूर्ण है
भागवत भूषण पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि उम्र अधिक होने से कुछ नहीं होता है, भगवान की कथा हमारे लिए महत्वपूर्ण है। हमारा जीवन भगवान की भक्ति में लगा रहे यह मायने रखता है। देवताओं को भी दुर्लभ गंगा के तट पर श्रृंगी ऋ षि द्वारा श्रापित राजा परीक्षित को भागवत की कथा सुखदेव महामुनी सुना रहे थे। उस समय देवता उपस्थित हुए और कहा कि महामुनी आप राजा परीक्षित को अमर करना चाहते हैं तो हमारे पास भी अमृत कलश है। उसे आप राजा परीक्षित को पिला दीजिए और मुझे भागवत कथा का अमृत दीजिए। सुखदेव जी ने कहा भागवत कथा के सामने आपका अमृत वचन इसका निर्णय किया जाए तराजू मंगाया गया एक तरफ अमृत कलश एक तरफ श्रीमद् भागवत तो भागवत के सामने अमृत कलश बहुत हल्का पड़ गया। विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि शनिवार को भगवान श्री गणेश के विवाह उत्सव का वर्णन किया जाएगा। महापुराण का प्रसारण दोपहर दो बजे से पांच बजे तक किया जाता है। शुक्रवार को भगवान गणेश और कार्तिकेय की झांकी सजाई गई थी। 

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