सीहोर : प्रसिद्ध लेखिका उमा मेहता त्रिवेदी की कलम से “मतदाता जागरूकता…

चुनावी माहौल और ये कलम🚩
उमा मेहता त्रिवेदी की कलम से
“जागरूकता…


मत+दान….शाब्दिक तौर से अपने मत (विचार) का विवेक पूर्ण दान करना मतदान कहलाता है । जिसके लिये निष्पक्ष-निस्वार्थ मतदान-जागरूकता की अत्यधिक आवश्यकता है
आम जनता के अनुसार इसकी परिभाषा कुछ बदली बदली सी नजर आती रहती है जिसे परिभाषित करना उतना ही कठिन जितना बन्दर को अदरक का स्वाद चखाना ।
जहाँ प्रजातंत्र …जनता का,जनता द्वारा, जनता के लिये एक ऐसा शासक चुनना जो शासन को सुचारू रूप से चलाने मे सक्षम हो वही देश के प्रत्येक नागरिक का अहम और महत्वपूर्ण कर्तव्य होता है तभी तो…कहते
मैं एक स्वतंत्र देश का नागरिक हूँ मतदान मेरा अधिकार ही नहीं बल्कि मेरी जिम्मेदारी भी है”

मतदान ऐसी शक्ति है जिसका उपयोग कर मैं एक योग्य व्यक्ति को चुन सकता हूँ और अपने देश के विकास में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा सकता हूँ ।


अतः देश का हर एक मानव इसी दृश्टिकोण के साथ अपनी जिम्मेदारी को निभायें और मताधिकार का प्रयोग कर प्रगति के नये आयाम स्थापित करने मे प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से भागीदार बने”
हमारी दैनिक वाणी के साथ विचारशक्ति ऐसी होनी चाहिए जिसमे राष्ट्रीय भावना का प्रबल प्रवाह समाहित होता हो तभी हम स्वतंत्रता के साथ अपने मत का प्रयोग कर पायेंगे ..

“अब बटन दबायेगा वतन”


“मतदान किसी के बहकावे में आकर न करें, हमारी पसंद पवित्र आत्मा के लिए होनी चाहिए कि वह हमारा नेतृत्व करे और हमारा मार्गदर्शन करे।”
वर्तमान युग नव चेतना,नव जागरण के साथ नव विचारधारा का है जो एक ऐसे सशक्त नेतृत्वकर्ता की चाह रखता है जो देश के चहुँमुखी विकास की ओर ध्यान देते हुए राष्ट्र को एकजुटता का पाठ पढ़ाये ..


ना रंगभेद हो
न जातिवाद
ना प्रतिशोध
न प्रतिशत की होड़ हो
सत्ता-साधक न्याय करे
अमन चैन हो
शांति का बसेरा हो


चुनावी माहौल की ओर अग्रसर होता ये दिन हर एक के दिमाग को स्पष्ट विकल्प दे रहा है जब देश एक है अनेकता में एकता का समावेश है तो यहाँ की विचारधारा भी स्वतंत्र होनी ही चाहिए ।जो भी परिणाम आये सहयोग के साथ परिपक्वता ले कर आये ।
तो हम कहने मे बिल्कुल नहीं हिचकेंगे कि आज एक ऐसे भारत की कल्पना करना निरर्थक नहीं होगा जहाँ सच्चे मूल्यों और अर्थो से नव भारत का निर्माण सच्ची भक्ति के रूप मे मत की सार्थकता संभव हो तभी हमारी अर्थव्यवस्था, जीवनस्तर के साथ मानवीय संवेदनाओं का सूरज उदय होगा और हम सभी एक नव भारतवर्ष को जन्म देने मे असली भागीदार बन सकते है ।
🚩जय हिंद🚩


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