सीहोर- नर्मदा पुल पर भारी वाहनों को रोक लगाने की मांग,
ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुचकर जन सुनवाई में लगाई गुहार,
सीहोर- जिले की नांदनेर और सरदार नगर रेत की अवैध खदान से आ रहे डंफरो पर रोक लगाने की मांग कर को ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुचकर गुहार लगाई और नांदनेर नर्मदा पुल पर भारी वाहनों पर रोक लगाने की मांग की।
कलेक्ट्रेट पंहुचे ग्रामीणों ने बताया कि बुधनी जोनतला के निवासी है। हमारे आसपास के दर्जनों गांव से सीधे जाने के लिए होषंगाबादबाद तक एक मात्र पुल है। पुल भी छतिग्रस्त है यंहा पर भारी वाहनों रेत से भरे डंपर पूर्णतः प्रतिबंधित है। इसके बाद भी रेत से भरे डंपर निकलते है जिन्हें बंद कराया जाए। डंपरों से आसपास के कई ग्रामो के ग्रामीणों की मौत भी होचुकी है। पुल भी छतिग्रस्त है एवं किसी भी दिन बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
जिसको लेकर जनसुनवाई में ज्ञापन देकर गुहार लगाई है। वही समीपस्थ जिला रायसेन के ग्राम बॉडी में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की मौत हो चुकी हैं। जिसको लेकर परिवार के कुछ सदस्य अनशन पर बैठे है।
वही अनशन पर बैठे गणपत सिंह चौहान का कहना है कि पिछले चार साल में मेरे परिबार के पाँच सदस्यों की मौत डम्फर से एक्सीडेंट होने पर ही हुई है,और बिगत 28 फरबरी को भी गांव के दो सदस्यों की मौत सीहोर जिले की सरदार नगर रेत खदान और नांदनेर कि अवैध रेत खदान से तेज रफ्तार में आ रहे रेत के अवैध डम्फर से टकराने के कारण ही हुई है।
फिर इसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने दस डंफरो को आग के हवाले कर दिया था।जब तक नांदनेर और सरदार नगर की अवैध रेत खदान से आ रहे रेत के डंफरो पर कार्यवाही नहीं की जाती और यह पूर्ण रूप से बंद नहीं किए जाते तब तक मेरा आमरण अनशन जारी रहेगा।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन जल्द जल्द कार्रवाही करे जिससे बड़ी दुर्घटना होने से बचे।
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