सीहोर : धरना, जुलूस आमसभाओं के संबंध में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी

PRO SEHORE

धरना, जुलूस आमसभाओं के संबंध में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी

सीहोर 16 मार्च,2019

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री गणेश शंकर मिश्रा द्वारा लोकसभा निर्वाचन 2019 को निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराये जाने को लेकर धारा 144 दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के प्रावधानों के अन्तर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिए गए हैं।      

आदेशानुसार जिले की राजस्व सीमाओं के भीतर लोकसभा निर्वाचन की प्रक्रिया सुचारु रूप से संचालन के लिए साधारण आचारण, सभाएं/जूलूस आयोजित किए जाने, कानून व्यवस्था लोक परिशांति एवं आपसी सदभाव स्थापित करनने के लिए धरना, जुलूस, आमसभाएं तथा बाहरी व्यक्तियों के आगमन के परिपेक्ष्य के प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिए हैं।

कोई दल या अभ्यार्थी ऐसा कोई कार्य नहीं करेंगे जो विभिन्न जाति और धार्मि या भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेदों का बढ़ाये या घृणा की भावना उत्पन्न्‍ करें या तनाव पैदा करें। अन्य राजनैतिक दलों की आलोचना करते समय उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पूर्व रिकार्ड और कार्य तक ही सीमित रहें। यह भी आवश्यक है कि व्यक्तिगत जीवन के ऐसे पहलुओं की आलोचना नहीं की जानी चाहिए जिनका संबंध अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के सार्वजनिक क्रियाकलापों से न हो। दलों या उनके कार्यकर्ताओं के बारे में कोई ऐसे आलोचना नहीं करें जो ऐसे आरोपों पर जिनकी सत्यता स्थापित न हुई हो या जो तोड़मरोड़ कर कही गई बातों पर आधारित हो।

      दल या अभ्यार्थी किसी प्रस्तावित सभा के स्थान और समय के बारे में स्थानीय प्राधिकारियों को उपयुक्त समय पर सूचना देंगे ताकि वे यातायात को नियंत्रित करने और शांति तथा व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक इंतजाम कर सके। किसी सभा के आयोजकों के लिए यह अनिवार्य है कि वे सभा में विघ्न्न डालने वाले या अन्यथा अव्यवस्था फैलाने का प्रयत्न करने वाले व्यक्तियों से निपटने के लिए ड्यूटी पर तैनात पुलिस की सहायता प्राप्त करें, आयोजक स्वयं ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध कोई कार्यपाही न करें। जुलूस का आयोजन करने वाले दल/अभ्यर्थी पहले ही यह बात तय करने कि जुलूस किस समय और किस स्थान से शुरु होगा, किस मार्ग से होकर जाएगा और किस समय किस स्थान पर सपाप्त होगा। सामान्यत: कार्यक्रम में कोई फेरबदल अभ्यर्थी नहीं करें। सभी राजनैतिक दल या अथ्यर्थी यह सुनिश्चित करें कि मतदान शांतिपूर्वक और सुव्यवस्थित ढंग से हो और मतदाताओं को इस प्रकार की पूरी स्वतंत्रता हो कि वह बिना किसी परेशानी या बाधा के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके, निर्वाचन कर्तव्य पर लगे हुए अधिकारियों के साथ सहयोग करें। मतदान के दिन और उसके पूर्व 48 घंटों के दौरान किसी को शराब या पैसा वितरित न किया जाए।

सत्ताधारी दल / अभ्यर्थी चाहे वे केन्द्र में हो या संबंधित राज्य या राज्यों में यह सुनिश्चत करें कि यह शिकायत करने का कोई मोका न दिया जाए कि उस दल / अभ्यर्थी ने अपने निर्वाचन अभियान के प्रयोजन के लिए अपने सरकारी पद का प्रयोग किया है। केन्द्रीय या राज्य सरकार के मंत्री/अभ्यर्थी या मतदाता अथवा प्राधिकृत अभिकर्ता की अपनी हैसियत को छोड़कर किसी भी मतदान केन्द्र या गणना स्थल में प्रवेश नहीं करेंगे। इस संबंध में अन्य नियमों व अधिक जानकारी के अनुविभागीय कार्यालय से प्राप्त की जा सकती हैं। यह आदेश तत्काल प्रभाव से 23 मई तक प्रभावशील रहेगा।


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