सीहोर : कालीपट्टी बांधकर विद्युत मंडल अधिकारियों कर्मचारियों ने निकाला कलेक्ट्रेट में मौन मार्च   निजीकरण का किया करारा विरोधी,कलेक्ट्रेट पहुंचकर दिया प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन  

कालीपट्टी बांधकर विद्युत मंडल अधिकारियों
कर्मचारियों ने निकाला कलेक्ट्रेट में मौन मार्च

निजीकरण का किया करारा विरोधी,कलेक्ट्रेट
पहुंचकर दिया प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन

कठोर निर्णय लेने में भी पीछे नहीं हटेगा
विद्युत निजीकरण विरोधी संयुक्त मोर्चा

सीहोर। विद्युत अधिकारियों कर्मचारियों ने सोमवार को कार्यालय में  काली पट्टी बांधकर काम किया। आक्रोशित अधिकारियों कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट तक मौन मार्च निकाल कर विरोध दर्ज कराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम विघुत मंडल के महाप्रबंधक दिवाकर ठाकरे के नेतृत्व में डिप्टी कलेक्टर प्रगति वर्मा को ज्ञापन दिया।
केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश की बिजली वितरण कंपनियों के निजीकरण करने और उत्तरप्रदेश में निजीकरण के विरोध में शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे विद्युत  अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ दमनकारी नीतियों की कड़ी निंदा सीहेार जिले के समस्त विघुत अधिकारियों कर्मचारियों के द्वारा की गई।
नाराजगी व्यक्त करते हुए विघुत अधिकारियों कर्मचारियों ने निजीकरण तत्काल बंद करने और अधिकारियोंं कर्मचारियों को उनका हक देने। विद्युत वितरण कंपनियों के निजीकरण के प्रस्ताव को तत्काल रद्द किये जाने। मध्य प्रदेश से किसी भी कर्मचारी अधिकारी को उत्तरप्रदेश नहीं भेजने की मांग की गई।

मौन मार्च में शामिल अधिकारियों कर्मचारियों को कलेक्ट्रेट में संबोधित करते हुए उप महाप्रबंधक सुमित अग्रवाल ने कहा की मध्य प्रदेश के सभी विद्युत संगठनों द्वारा बिजली वितरण कंपनियों के निजीकरण करने की योजना का विरोध करने के लिए  मध्यप्रदेश विद्युत निजीकरण विरोधी संयुक्त मोर्चा का गठन किया गया है। केंद्र सरकार द्वारा सभी प्रदेशों की बिजली वितरण कंपनियों का निजीकरण करने स्टैंडर्ड बिड डॉक्यूमेंट जारी करने का विरोध  शांतिपूर्ण आंदोलन कर किया जाएगा।
सरकार ने विघुत वितरण कंपनियों का शांति से  विरोध कर रहे उत्तर प्रदेश  के विघुत अधिकारियों कर्मचारियों पर दमनकारी नीतियां अपना कर विरोध को कुचलने की कोशिश की। प्रजातंत्र में सभी को विरोध दर्ज कराने का सामान्य अधिकार है।
महाप्रबंधक दिवाकर ठाकरे ने कहा की केंद्र सरकार एवं उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा उत्तरप्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति मोर्चा के कार्य बहिष्कार को निष्प्रभावी बनाने के लिए सभी प्रदेशों से अभियंताओं कर्मचारियों को भेजने का कुचक्र शुरू कर दिया है। इसका भी संयुक्त मोर्चा सख्त विरोध करता है ।
केंद्र सरकार के द्वारा मांग पूरी नहीं किए जाने पर तत्काल निजी कारण  की नीति नहीं रोकने पर संयुक्त मोर्चा बिजली उपभोक्ताओं और कर्मचारी हितों के  लिए कठोर निर्णय लेने में भी पीछे नहीं हटेगा। प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या  में जिले भर के विघुत अधिकारी कर्मचारीगण शामिल रहे।

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