अपहरण के बाद दो बच्चों की हत्या और पुलिस की यह सफाई।
सतना। मध्यप्रदेश पुलिस ने प्रेस कान्फेंस करते हुए बताया कि 12 फरवरी के दिन 12.30 बजे धर्म नगरी चित्रकूट के सद्गुरू पब्लिक स्कूल में यूकेजी में पढऩे वाले प्रियांश और श्रेयांश रावत पिता बृजेश रावत ६ वर्ष निवासी ऑटो स्टैंड के पास जिला कर्वी को स्कूल बस से वापस आते समय कैंम्पस के अंदर ही बस रोक कर कट्टे की नोक पर अपहरण कर बाइक से भाग गए। जिससे क्षेत्र में सनसनी मच गई। आसपास के लोग एकत्र होकर अपना विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए। घटना की गंभीरता को देखते हुए एवं दोनों बच्चों को अपहरण से मुक्त कराने के लिए तत्काल पुलिस सक्रिय हो गई। मौके पर पुलिस महानिरीक्षक रीवा, उप पुलिस महानिरीक्षक रीवा जोन एवं पुलिस अधीक्षक सतना, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सतना खुद चित्रकूट पहुंचकर जिले के समस्त थाना प्रभारियों के साथ-साथ पड़ोसी जिलों के भी कई थाना प्रभारियों को बुलाकर अपहरण कर्ताओं की तलास प्रारंभ की।
ये हुआ खुलासा
विवेचना में कैंम्पस के अंदर एवं बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों का फुटेज के माध्यम से बच्चों की तलाश प्रारंभ की गई। लेकिन लगातार प्रयास के बाद भी अपहरण कर्ताओं का पता नहीं चला। घटना में फरियादी बृजेश रावत जो क्षेत्र में दर्दनाशक तेल का व्यवसाय करते है। उनसे जुड़ी व्यवसायिक प्रतिद्वितिता एवं परिवारिक प्रतिद्वितिता को भी आधार मानकर भी अपहरण कर्ताओं की तलास का प्रयास किया गया लेकिन अपहरण कर्ताओं का पता नहीं चला। इस बीच घटना के दो दिन बाद फरियादी बृजेश रावत के पास आरोपियों के द्वारा फोन पर दो करोड़ रुपए फिरौती की मांग की गई। फोन का पता करने पर फोन बांदा उत्तरप्रदेश से आना पाया गया। और जिससे राह चलते आरोपियों द्वारा फिरौती मांगने वाले का स्कैच तैयार कराया गया। लेकिन आरोपियों का पता नहीं चला। इस बीच फरियादी के पास फिरौती के कई कॉल आई। लेकिन हर बार आरोपियों द्वारा रात चलते किसी व्यक्ति से फोन मांगकर फिरौती की मांग की जाती थी। इसलिए भी आरोपी पकड़ ेमें नहीं आ रहे थे। इसी बीच 20 फरवरी की रात फरियादी ने बिना पुलिस को बताए। अपहरणकर्ताओं को 20 लाख रुपए की फिरौती भी प्रदान कर दिया। परंतु इसके बाद भी बच्चे नहीं छुटे। पुलिस लगातार विवेचना में आरोपियों का पता कर रही थी। इसी दौरान एक सूत्र के माध्यम से यह पता चला कि आरोपी जब एक व्यक्ति का मोबाइल लेकर फिरौती की राशि की मांग कर रहे थे तो मोबाइल धारक को शंका हुई तो उसने अपने मोबाइल में अपहरण कर्ताओं के बाइक का नंबर की फोटो खींच ली। जो बाइक नंबर यूपी ९० एल ५७०७ पाया गया। जो कि बाइक को ट्रैस कर पुलिस आरोपी रोहित द्विवेदी पिता ब्रह्मदत्त द्विवेदी तक पहुंच गई। जिससे आरोपी राजू द्विवेदी पिता राकेश द्विवेदी निवासी भवुआ अंस थाना बबेरू जिला बांदा को गिरफ्तारकर पूछताछ की गई। तो उसने स्वीकार किया कि उसने अपने साथियों पदम शुक्ला पिता रामकरण उम्र २२ वर्ष निवासी जानकी कुंड एवं लक्की सिंह तोमर के साथ मिलकर दो बच्चों की अपहरण की घटना को अंजाम दिया था। तत्काल अन्य आरोपी गण पदम शुक्ला और लक्की सिंह को गिरफ्तार किया गया। जिनके द्वारा स्वीकार किया गया कि बच्चों के द्वारा पहचान लेने के डर से अपहरित बच्चों की हत्या कर ग्राम बबेरू जिला बांदा उत्तर प्रदेश की यमुना नदी में शव को डाल दिया गया। जो तलाश कर शव को बाहर निकाला गया। आरोपियों द्वारा फिरौती में प्राप्त किए गए 20 लाख रूपए घटना में प्रयुक्त किए गए कट्टे, तीन बाइक और एक चार पहिया वाहन को जब्त किया गया है। घटना में मदद करने वाले अन्य आरोपी छोटू पिता ब्रह्मदत्त भवुआअंस को गिरफ्तार किया साथ ही साथ शाजिश में शामिल रामकेश यादव एवं पिंटू उर्फ पिंटा यादव निवासी हमीरपुर उत्तरप्रदेश को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
ये है सभी आरोपी –
राजू द्विवेदी पिता राकेश निवासी भवुआअंस थाना बबेरू जिला बांदा – पदम शुक्ला पिता रामकरण निवासी जानकी कुंड रघुवीर मंदिर के सामने थाना नयागांव चित्रकूट – लक्की सिंह तोमर पिता शतेेन्द्र सिंह तोमर निवासी ग्राम तेदुरा थाना बिसंडा जिना बांदा – रोहित द्विवेदी पिता ब्रह्मदत्त उम्र 24 वर्ष निवासी भवुआअंस थाना बबेरू जिला बांदा – रामकेश यादव पिता रामसरण यादव उम्र 26 वर्ष छेरा जिला बांदा – पिंट यादव पिता रामस्वरूप यादव 23 वर्ष निवासी गुरदहा जिला हमीरपुर