राजस्थान : सरकार को चेतावनी” गुर्जर आंदोलन हुआ उग्र, पुलिस वाहन फूंके गए, धारा 144 लागू के साथ, रेलवे-ट्रैक हाई-वे जाम।

राजस्थान” में तीन दिन से चल रहा गुर्जर आरक्षण आंदोलन, कल रविवार को उग्र हो गया, धौलपुर में दिल्ली-मुबंई राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-3 को जाम करने के दौरान आंदोलनकारियों, और पुलिसकर्मियों में झड़प हो गई, इसके बाद भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया, जवाब में पुलिस ने भी हवाई फायरिंग कर दी, जिससे वहां अफरातफरी का माहौल हों बन गया, भीड़ ने तीन वाहनों को आग के हवाले कर दिया मौके पर तनाव के हालात अब भी बने हुए हैं, इस दौरान 6 पुलिसकर्मी घायल भी हों गए।
आंदोलनकारियों ने किया नेशनल हाई-वे जाम।
आंदोलन के तीसरे दिन रविवार को आंदोलनकारियों ने नेशनल हाई-वे 148 डी को बूंदी, भीलवाड़ा, गुलाबपुरा, जाम कर दिया। आज सोमवार को प्रदर्शनकारी सिकंदरा में हाई-वे पर जाम लगा सकते हैं। सवाई माधोपुर के मलारना डूंगर में रेल पटरियों पर आंदोलनकारी बैठे हुए हैं। शनिवार को सरकार की तरफ़ से पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह व कोऑपरेटिव रजिस्ट्रार नीरज के पवन गुर्जरों को मनाने मलारना ट्रैक पहुंचे थें, लेकिन वार्ता विफल हों गई हैं। गुर्जर आंदोलन के कारण कई ट्रेनें रद्द की गईं तो कुछ का रूट बदला गया हैं। गुर्जर आरक्षण सघर्ष समिति जिलाध्यक्ष राधाकृष्ण पोसवाल ने बताया कि सोमवार से जिले में गुर्जर समाज दूध सप्लाई बंद करेंगा।
सवाईमाधोपुर” के मलारना में दिल्ली-मुंबई रेल ट्रैक, के अलावा करौली-हिंडौन हाई-वे रविवार को भी जाम रहा। उदयपुरवाटी में कोटपूतली-जयपुर स्टेट हाई-वे पर जाम रविवार को खोल दिया गया हैं। यहां गुर्जरों ने शनिवार को जाम लगाया था, मलारना में दिल्ली-मुंबई रेल ट्रैक पर रविवार को बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंचीं थी।
सरकार बिना मसौदे के वार्ता के लिए आई थीं, गुर्जर नेता।
गुर्जर नेता किरोड़ीसिंह बैसला ने रविवार को दोहराया कि, सरकार से बात रेलवे ट्रैक पर ही होगी। इससे पहले उन्होंने कहा कि सरकार बिना मसौदे के वार्ता के लिए आई थीं। जब तक 5 प्रतिशत आरक्षण, क्रीमीलेयर की सीमा 8 लाख रु. करने व पिछली भर्तियों का बैकलॉग, से भरी जाने की मांग पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेंगा। पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने जल्द समाधान की बात कही हैं।
गुर्जर समाज की मांग हैं कि सरकार सभी प्रक्रिया पूरी करके पांच प्रतिशत, आरक्षण बैकलॉग के साथ दें। इससे पहले 24 सितंबर 2015 को विधानसभा में एसबीसी विधेयक पारित हुआ था। राज्य सरकार ने 16 अक्टूबर 2015 को नोटिफिकेशन, जारी करते हुए इसे लागू किया गया था। ये 14 महीने चला और 9 दिसंबर 2016 को हाईकोर्ट ने इसे ख़त्म किया। अब इसका सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा हैं, अब देखना हैं कि सरकार इस मामले में क्या करतीं हैं।