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पुलवामा अटैक के बाद मोदी सरकार ने उठाया बड़ा कदम.. पाकिस्तान से वापस लिया मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा

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कश्मीर के पुलवामा में CRPF के काफिले पर इस्लामिक आतंकी दल जैश ए मोहम्मद के आतंकी हमले के बाद पूरा देश गुस्से में है. एकतरफ हिंदुस्तान की जनता नम आँखों से बलिदान जवानों को श्रद्धांजलि दे रही है तो वहीं दूसरी तरफ हर हिन्दुस्तानी की आँखों में आक्रोश है तथा भुजाएं फड़क रही है. हरा तरफ़ से एक ही आवाज उठ रही है कि अब सर्जिकल स्ट्राइक नहीं बल्कि युद्ध चाहिए और ऐसा युद्ध जिससे आतंकी तथा आतंकियों के आका हमेशा के लिए शांत हो जाएँ. बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले में 40 से ज्यादा जवान बलिदान हुए हैं.

पुलवामा में जवानों के बलिदान के बाद देश के गुस्से को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार भी सख्त हो गई है. खबर के मुताबिक़, भारत सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले लिया है. लंबे समय से देश इस बात की मांग करता रहा है कि पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लिया जाए और पुलवामा हमले के बाद  आख़िरकार भारत सरकार का धैर्य टूट गया तथा भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन लिया.

लवामा अटैक पर प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में  हुई CCS की बैठक में शामिल होने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस लिया है, इस बारे में वाणिज्य मंत्रालय आगे की प्रक्रिया अपनाएगा. जेटली ने कड़े शब्दों में कहा कि  इस घटना के बाद भारत डिप्लोमैटिक कदम भी उठा रहा है तथा पाकिस्तान को इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि आज गृहमंत्री राजनाथ सिंह कश्मीर जा रहे हैं और वहां से लौटकर राजनाथ सिंह कल इस मामले पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में इसपर  चर्चा करेंगे और सबकी राय लेकर ही आगे बढेंगे.

क्या होता हो मोस्ट फेवर्ड नेशन

मतलब होता है कि हम आपके साथ जितना संबंध रखेंगे, उतना किसी और देश के साथ नहीं रखेंगे. विश्‍व व्‍यापार संगठन (डब्‍ल्‍यूटीओ) के सदस्‍य के तौर पर हर देश को एक-दूसरे को मोस्‍ट फेवर्ड नेशन का दर्जा देना होता है. भारत ने 1996 में पाकिस्‍तान को मोस्‍ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया था. डब्‍लूटीओ के अनुसार, मोस्‍ट फेवर्ड नेशन स्‍टेटस का मतलब है कि कोई देश अगर व्‍यापार से जुड़ी बाधाएं कम करता है या अपने बाजार को खोलता है तो उसे यह सभी ट्रेडिंग पार्टनर के साथ करना होगा. कोई देश इस मोर्चे पर ट्रेडिंग पार्टनर के बीच भेदभाव नहीं कर सकता है. इसका मतलब है कि मोस्‍ट फेवर्ड नेशन स्‍टेटस के तहत पाकिस्‍तान के व्‍यापारियों को वे सभी रियायतें मिल रहीं थी, जो भारत दूसरे देशों को देता है. अब जब भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लिया तो  इससे पाकिस्‍तान और दुनिया को सख्‍त संदेश जाएगा कि भारत आतंकवाद पर कठोर कदम अपना रहा है.

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