ग्राम पंचायतों में नहीं आग
बुझाने के इंतजाम,
आग लगने पर समय पर नहीं पहुंचती है दमकले,
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजाना हो रही है आग लगने की घटनाएं,
आदर्श ग्राम अजनास नहीं आग बुझाने के संसाधन ,आग लगने के बाद मकान सहित तीन मवेशियो की मौत
अनिल उपाध्याय
खातेगांव /देवास
ग्राम पंचायत मुख्यालयो पर आग बुझाने के कोई साधन नहीं होने कारण आग लगने की स्थिति में शहर से दमकल गाड़ी भेजी जाती है! यही कारण है कि दमकल के पहुंचने से पहले ही बड़ा हादसा हो जाता है! घटनाओं के बाद भी इस और कोई पहल नहीं की जा रही है!
खातेगांव ब्लॉक में 72 ग्राम पंचायत है इन पंचायतों के अंतर्गत लगभग 170 गांव आते हैं !लेकिन पंचायत मुख्यालय पर आग बुझाने के कोई संसाधन नहीं है, कुछ पंचायतों में टैंकर तो है लेकिन उनमें इंजन पंप नहीं लगाए गए हैं ,जिससे आग नहीं बुझाई जा सकती है आग लगने की स्थिति में सूचना नगर पालिका में दी जाती है और यहीं से ग्रामीण क्षेत्र के लिए दमकल रवाना होती है !दमकल के पहुंचने तक आग के कारण बड़ी घटना हो जाती है! क्योंकि कई गांव की दूरी शहर से लगभग 40 किलोमीटर दूर है
ग्राम पंचायतों के टैंकर में
नहीं लगे इंजन ,
ग्राम पंचायतों को विधायक निधि एवं सांसद निधि से पानी के टैंकर तो मिले हुए हैं, लेकिन इन टैंकरों में इंजन की व्यवस्था नहीं है! इस कारण इन टैंकरों में समय पर पानी नहीं भरा पाता है, ऐसे में आगजनी के समय में टैंकर शोपीस बने रहते हैं, ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत विशेष ध्यान देकर इन टैंकरों पर इंजन की व्यवस्था करवाना चाहिए वहीं कहीं पंचायत में टैंकर छत्तीग्रस्त भी हो रहे हैं, इससे यह टैंकर भी ग्राम पंचायतों में काम नहीं आ रहे ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायतों को नए टैंकर की सौगात मिलना चाहिए, जिसमें इंजिन भी लगे हो इससे गर्मी के समय में होने वाली आगजनी में यह टैंकर भी आंग को नियंञण करने मे काम कर सके,
रोजाना हो रही है ग्रामीण क्षेत्रो आग लगने की घटनाएं,
तेज गर्मी शुरू होते ही आग लगने की घटनाएं भी हर दिन सामने आ रही है! पिछले 1 सप्ताह में ग्रामीण क्षेत्रों के गांवो में आग लगने की दर्जनो घटनाएं घटनाए
सामने आ चुकी हे!
गुरुवार को आदर्श ग्राम अजनास में दोपहर 2:00 बजे के करीब भटासा मार्ग पर नारायण राव के मकान में अचानक आग लग गई, जिसमें गृहस्ती का पूरा सामान जलकर खाक हो गया, घटना के वक्त घर में 4 बच्चों सहित दस लोग मौजूद थे! सभी लोगो ने भाग कर अपनी जान बचाई,
लेकिन घर के अन्दर बंधे बकरी के दो बच्चे व एक बकरी की जलने से मौत हो गई,
दूसरी घटना ग्राम सिया में घटी जहां आदिवासी सुमन बाई पति जयसिंह कोरकू के घर में आग लगने से पूरा गृहस्थी का समान जलकर राख हो गया! आदिवासी परिवार अव सड़क पर आ चुका है !उसके रहने खाने-पीने.कोई व्यवस्था नहीं बची है!
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