खजुराहो – पत्‍थरों पर चित्रित प्यार और कला का अनोखा संगम ।

खजुराहो, मध्‍यप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित एक सुरम्‍य स्‍थल है जो विंध्‍य पर्वत श्रृंखला की पृष्‍ठभूमि में स्थित है। खुजराहो का नाम दुनिया के नक्‍शे पर विश्‍व धरोहर के रूप में जाना जाता है, यहां का प्रसिद्ध खजुराहो मंदिर ही इस गांव की शान है। खजुराहो के पर्यटन में सबसे प्रमुख मंदिर है जहां पत्‍थरों पर खुदाई करके, बलुआ पत्‍थर से मूर्तियों को तैयार किया गया था, आज भी यह मूर्तियां सारी दुनिया में विख्‍यात है। अनूठी और जूनून से भरी ये मूर्तियां देखने में वाकई खास लगती है।

खजुराहो और उसके आसपास के क्षेत्र में स्थित पर्यटन स्‍थल

खजुराहो पर्यटन को यहां स्थित मंदिर बढ़ावा देते है जहां प्‍यार के कई रूपों को दर्शाया गया है। खजुराहों के प्रसिद्ध मंदिरों में से कुछ निम्‍न है : चौसठ योगिनी मंदिर, जावेरी मंदिर, देवी जगदम्‍बा मंदिर, विश्‍वनाथ मंदिर, केंद्रीय महादेव मंदिर, लक्ष्‍मण मंदिर और अन्‍य कई मंदिर। यहां का अन्‍य आकर्षण खजुराहो नृत्‍य महोत्‍सव है। यह महोत्‍सव हर साल 25 फरवरी से 2 मार्च तक चलता है। इस सप्‍ताह में सारी दुनिया से पर्यटक हिस्‍सा लेने और देखने आते है।

खजुराहो – विरासत का वाहक

खजुराहो मंदिरों को 950 – 1050 ई. के बीच मध्‍य भारत पर शासन करने वाले चंदेल वंश के शासकों के द्वारा निर्मित करवाया गया था। खजुराहों में कुल 85 मंदिरों को बनवाया गया था, जिनमें से आज केवल 22 ही बचे है। पूरी दुनिया का ध्‍यान यहां के मंदिरों में स्थित मूर्तियों ने आकर्षित किया है जो कामुकता से भरी हुई है। इस मंदिर को 1986 में यूनेस्‍को द्वारा विश्‍व विरासत स्‍थल घोषित कर दिया गया था।

खजुराहो – जीवन का एक उत्‍सव

खजुराहो की कला और मूर्तियां, जीवन का उत्‍सव है। इस मंदिर की मूर्तियों की नक्‍काशी में जीवन की भव्‍यता, मनुष्‍य की रचनात्‍मकता और खुशियों को दर्शाया गया है, वास्‍तुकला का अद्भुत नमूना यहां देखने को मिलता है। खजुराहो मंदिर में कामुक मूर्तियां लगी हुई है जो हिंदूओं के कामदेव देवता को समर्पित है। इस मंदिर को भारत के सात आश्‍चर्यो में से भी गिना जाता है।

खजुराहो – पत्‍थरों पर की गई विशेष कलाकारी

खजुराहो का मंदिर तीन समूहों में वर्गीकृत है : पश्चिमी, पूर्वी और दक्षिणी समूह। पश्चिमी समूह का मंदिर पूरी तरह से हिंदूओं का मंदिर है। इस मंदिर में खजुराहो की सबसे बेहतरीन वास्‍तुशिल्‍प को दर्शाया गया है। इस समूह में सबसे बड़ा मंदिर केंद्रीय महादेव मंदिर है जो खजुराहो का सबसे भव्‍य मंदिर है। खजुराहो के पूर्वी समूह में हिंदू और जैन मंदिर स्थित है। यह मंदिर, पश्चिमी मंदिरों की तरह नक्‍काशीदार नहीं है लेकिन इनका वैभव और आकर्षण इसे अलंकृत करता है। पार्श्‍वनाथ मंदिर इस समूह का सबसे बड़ा जैन मंदिर है। पश्चिमी समूह में दो मंदिर स्थित है – धुलादेव मंदिर और चर्तुभुज मंदिर। इन मंदिरों की मूर्तियों में वास्‍तुशिल्‍प के स्‍पर्श की कमी है, ये और भी बेहतरीन बनाई जा सकती थी।

खजुराहो तक कैसे पहुंचे

खजुराहो तक यातायात के सभी साधनों के माध्‍यम से पहुंचा जा सकता है। इस शहर में एक एयरपोर्ट, एक रेलवे स्‍टेशन और बस स्‍टेशन है। शहर में भ्रमण करने के लिए टैक्‍सी, रिक्‍शा और साइकिल चलती है। किस मौसम में करें खजुराहो की सैर खजुराहों की सैर के लिए सर्दियों का मौसम सबसे बेहतरीन होता है, अक्‍टूबर से मार्च की अवधि में यहां के दौरे पर आया जा सके।


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