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आष्टा : नगर में हुआ कोरोना बेकाबू लगातार हो रही कोरोना या अन्य बीमारी से मृत्यु अज्ञानता एवं झोलाछाप डॉक्टर भी कही ना कही इसके पीछे है जिम्मेदार

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*आष्टा नगर में हुआ कोरोना बेकाबू लगातार हो रही कोरोना या अन्य बीमारी से मृत्यु
अज्ञानता एवं झोलाछाप डॉक्टर भी कही ना कही इसके पीछे है जिम्मेदार

आष्टा। जिस तरह से कोरोना संक्रमण का ग्राफ बढ़ रहा है उसी तरह मोत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है
लगातार कोरोनावायरस नगर में पैर पसारता जा रहा है सैकड़ों लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं और कई अपनी जान भी गंवा चुके हैं पिछले दो दिनों की बात करें तो लगातार चार से पांच लोगो की मृत्यु क्या संक्रमण की वजह से हुई है या अन्य वजह से वाकई चिंता का विषय है.?
फिर भी आष्टा नगर के आम नागरिक और व्यापारी आने वाले संकट से पूर्ण रूप से अनजान नजर आते हैं ना तो नगर में मुंह पर मास्क लगाने का चलन है और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ऐसे में कोरोनावायरस से लड़ने के लिए आष्टा नगर आखिर कितना तैयार है

जब हमारी मीडिया टीम ने फैलते हुए संक्रमण के मद्देनजर तहकीकात शुरू की तो एक बड़ा और चौंकाने वाला मामला सामने आया तहसील में सैकड़ों की संख्या में झोलाछाप डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सब कुछ जानते हुए भी अनजान बना हुआ है नगर के कुछ झोलाछाप डॉक्टर सर्दी खांसी जुकाम और बुखार का घरों पर ही ट्रीटमेंट कर रहे हैं बड़े-बड़े चेस्ट फिजिशियन जहां कोरोनावायरस से लड़ने में असफल नजर आ रहे हैं वही आमजन की जिंदगी के साथ झोलाछाप डॉक्टर खिलवाड़ करते हुए देखे जा सकते हैं बड़ी तादाद में झोलाछाप के क्लिनिको पर बड़ी तादाद में लोग पहुंचते है लंबे समय तक इलाज के नाम पर उन्हें रोके रखा जाता है और जब व्यक्ति गंभीर अवस्था में पहुंचता है तो उसे भोपाल या इंदौर भेजा जाता है ऐसी परिस्थितियों में या तो व्यक्ति गंतव्य पर पहुंचने से पहले ही अपनी जान गवा देता है या फिर गंभीर अवस्था में किसी निजी चिकित्सालय या कोविड-19 सेंटर में अपनी जान गवाते है इन सब कुछ परिस्थितियों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम इन झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही करने से कतराती है आखिर क्या कारण है जो गैर रजिस्टर्ड झोलाछाप डॉक्टर सीना ठोक कर क्लीनिक चला रहे हैं अगर आष्टा नगर की बात करें तो लगभग 30 से 35 झोलाछाप डॉक्टर सक्रिय रुप से कार्य कर रहे हैं कोरोनावायरस महामारी में भी अगर स्वास्थ्य विभाग इन पर कार्यवाही नहीं करता है तो आने वाली परिस्थितियां दुर्भाग्यपूर्ण है
जबकि सरकार द्वारा फीवर क्लीनिक भी खोले गये है लेकिन उचित प्रचार प्रसार के अभाव में लोग जाने अनजाने में झोलाछाप डॉक्टरों तक पहुँच कर अपना ईलाज करवाते है।और जब बीमारी गम्भीर रूप ले लेती है तब बड़े अस्पताल का रुख करते है।
मीडिया के माध्यम से लगातार कोरोनावायरस से बचने के उपाय आम जनता पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं किंतु ना तो जनता में जागरूकता आ रही है और ना ही व्यापारियों में ना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है ना कोई मास्क लगा रहा है और सैनिटाइजेशन तो बहुत दूर की बात है

आज नवागत एसडीएम विजय कुमार मंडलोई द्वारा पदभार ग्रहण करते ही इस मुहिम का आगाज किया गया है जिसके तहत नायब तहसीलदार अंकिता बाजपेई सहित राजस्व और पुलिस का अमला आज सुबह से भोपाल नाके पर मास्क नहीं पहनने वालों पर कार्यवाही करता हुआ नजर आया किंतु यह सब वर्तमान परिवेश में ना काफी नजर आ रहा है क्योंकि अब प्रशासन को कड़े और कठोर नियम अपनाने की आवश्यकता है और यह सब तभी संभव है और जब प्रशासन मास्क पहनने सोशल डिस्टेंसिंग रखने के नियमों का शक्ति के साथ पालन करवाएं

एक बार फिर आप सभी से अनुरोध है कि कोरोनावायरस को गंभीरता से लें इसे मजाक में ना लें यह जानलेवा बीमारी है मास्क लगाकर रखें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और लगातार अपने हाथों को साबुन अथवा सैनिटाइजर से साफ करते हैं क्योंकि कोरोनावायरस से लड़ने के लिए सुरक्षा के नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है
स्थानीय प्रशासन तो लगातार जागरूकता के लिये कार्य कर रहा है,पर ना जाने क्यों आम नागरिक व्यापारी इस बीमारी में लापरवाही कितनी घातक हो सकती है को जान कर भी अनजान व लापरवाह बना हुआ है।

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