आष्टा:‘‘गौ दुज देव संत हितकारी, कृपा सिंध मानस तन धारी’ – संत श्री राधाकृष्ण जी महाराज

आष्टा:‘‘गौ दुज देव संत हितकारी, कृपा सिंध मानस तन धारी’ – संत श्री राधाकृष्ण जी महाराज
श्री महालक्ष्मी महिला मंडल द्वारा आयोजित गो सेवार्थ श्रीमद भागवत कथा के दुसरे दिन व्यास पीठ पर विराजित संत श्री राधाकृष्ण जी महाराज द्वारा गो माता के महत्व को बडे विस्तार से वर्णन करते हुए बताया कि भगवान का जन्म ही गौमाता की रक्षा के लिए हुआ है। गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित्र मानस में लिखा है ‘‘गौ दुज देव संत हितकारी, कृपा सिंध मानस तन धारी’ अर्थात गाय माता के पालन के कारण ही भगवान श्री कृष्ण का नाम गोपाल भी पडा। कथा का आगे बढाते हुए संत श्री द्वारा परम भागवत सुखदेव जी के जन्म की कथा को बडे विस्तार से बताया कि वैध व्यास जी के पुत्र श्री सुखदेव जी जो अपनी मांॅ के गर्भ में 16 वर्ष तक रहे पर उनके पिता के कहने पर जब मांॅ के गर्भ से बाहर आए तो तुरंत घर परिवार छोडकर जंगल की ओर चले गये। उनके पीछे पीछे व्यास जी भी चले ओर उन्होंने उनको रोकने के काफी प्रयास किया। परंतु सुखदेव जी इस मायावी संसार को छोडकर विरक्त जीवन जीने का आत्मसात किया। तत्पश्चात श्री वेद व्यास जी द्वारा उन्हें श्रीमद भागवत के श्लोक सुनाये, जिसमें भगवान श्री कृष्ण के स्वरूप का सुदंर चित्रण था उसे सुनकर सुखदेव जी वापस पिता के साथ घर को आए, यही पर श्री वेद व्यास जी द्वारा श्री सुखदेव जी को श्रीमद भागवत जिसके 18 हजार श्लोक है, उसे श्री सुखदेव जी को सुनाया ओर इसी भागवत को श्री सुखदेव जी द्वारा महाराज परिक्षित को सुनाया, जिसे सुनकर परिक्षित जी को मोक्ष प्राप्त हुआ। आगे गुरूजी द्वारा बताया गया कि अपने घर का प्लासटीक पन्नी, कचरा, रोड पर नही फेंके, क्योकि इस प्लास्टिक की पन्नी के खाने से गोमाता के साथ ही अन्य जानवर भी असमय मृत्यु को प्राप्त हो जाते है, जिससे गोहत्या व जीव हत्या का पाप लगता है। आगे संत श्री द्वारा अस्वशथामा की कथा, पितामाह भीष्म की कथा के साथ कल्युग का आगमन की कथा का श्रवण करवाया। इसके साथ ही राजा परिक्षित मोक्ष ओर भक्त प्रहलाद के जन्म की कथा के साथ भगवान बराह अवतार की कथा का बडे विस्तार से वर्णन किया। संत श्री द्वारा सभी धर्म प्रेमी बंधुओ से प्रतिदिन प्रातः 5 बजे गुरूदेव आश्रम मंडी गेट से निकलने वाली प्रभात फैरी में सम्मिलत होने का आग्रह किया।
इस अवसर पर कथा के पूर्व यजमान अवधनारायण जी सोनी एवं सुरेश जी दुबे द्वारा पूज्य संत श्री का स्वागत एवं भागवत कथा की पूजन की। आज कथा के अवसर पर काफी संख्या में भक्तगण कथा का श्रवण करने पधारे एवं भजनो का भी आनंद लिया।