सीहोर/आष्टा:किसानों को 2 लाख रूपए के अंदर तक का नगद भुगतान, वही उपज 1 क्विंटल के बोरे में तोल भी हुई प्रारंभ ,राज्य शासन के फैसले से व्यापारी वर्ग को फायदा कास्तकार नुकसान में।
किसानों ने कहा कि शासन का आदेश स्वागत योग्य किसानों को 2 लाख रूपए के अंदर तक का नगद भुगतान, वही उपज 1 क्विंटल के बोरे में तोल भी हुई प्रारंभ फो
आष्टा। शासन ने किसानों को मंडी में उनकी उपज विक्रय करने पर दो लाख रुपए तक नगदी भुगतान करने के निर्देश जारी किए , जिस पर अमल 1 जून से हो गया हैं, उक्त आदेश के साथ ही किसानों की उपज अब 50 किलो के स्थान पर 1 क्विंटल के बोरे में ही कराई जाएगी। यह दोनों व्यवस्था 1 जून से प्रारंभ हो गई है। मध्य प्रदेश कृषि विपणन बोर्ड के संचालक फैज अहमद किदवई के उक्त आदेश से किसानों में जहां हर्ष छाया हुआ है ,वहीं दूसरी ओर व्यापारी संघ अध्यक्ष मनीष पालीवाल का कहना है कि अगर बैंकों से व्यापारियों को पर्याप्त भुगतान मिलता है तो हमें किसानों को नगद भुगतान करने में कोई परेशानी नहीं है।साथ ही उन्होंने कहा कि इस फैसले से व्यापारी वर्ग को फायदा होगा और कास्तकारों को नुकसान क्योकि जिस व्यापारी के पास पूंजी है वही माल खरीदेगा और जिसके पास पूंजी नही है वह नही खरीदेगा ऐसे में कास्तकार को फसल बेचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है और उपज सही समय पर नही बिकी तो किसान कम दामो पर बेचने को मजबूर होगा और उसे प्रति क्विंटल नुकसान उठाना होगा।
शनिवार 1 जून को जब हमारे प्रतिनिधि ने कृषि उपज मंडी में एक व्यापारिक प्रतिष्ठान पर किसानों की उपज एक क्विंटल के बोरे में पलटी जा रही थी,वहां किसान नीलबड़ निवासी
बाबूलाल खाती जो कि सोयाबीन लेकर आए थे ,उनसे पूछा कि शासन के 2 लाख रूपए तक के नगद भुगतान करने तथा 1 क्विंटल के बोरे में तौल कराने से आप क्या महसूस करते हैं ।बाबूलाल खाती ने बताया कि नगद भुगतान मिलने से हमें बैंकों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे तथा हम सामान भी यही से खरीद कर ले जा सकेंगे।
कुछ व्यापारियों द्वारा समय पर भुगतान बैंकों में नहीं डाला जाता था, जो अब ऐसा नहीं कर पाएंगे।गांव हिम्मतपुरा के देवेंद्रसिंह जो कि चना लेकर आए थे तथा नीलबड़ के जगदीशसिंह सेंधव ने शासन के इस निर्णय की सराहना भी की है और कहा कि निश्चित मंडी की आवक में भी बढ़ोतरी होगी।
अनाज दलहन तिलहन व्यापारी संघ के अध्यक्ष मनीष पालीवाल से जब शासन की उक्त नई व्यवस्था के संबंध में चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि शासन के आदेशों का पालन व्यापारी करते आए हैं।हमें बैंकों से पर्याप्त पैसा मिलेगा तो हम किसानों को नगद भुगतान करने में देरी नहीं करेंगे। अगर बैंक ही भुगतान नहीं करेगी तो मंडी एवं प्रशासन को अवगत कराया जाएगा।
श्री पालीवाल ने बताया कि मंडी सचिव योगेश नागले द्वारा व्यापारी संघ को सूचना दी गई है कि 1 जून से 1 लाख 99 हजार 999 रूपए तक का भुगतान किसानों को नगद किया जाए ।जिसका पालन व्यापारियों द्वारा प्रारंभ कर दिया गया है।
विदित रहे कि आयकर अधिनियम एवं आयकर नियम के अनुसार किसानों के द्वारा विक्रय की गई कृषि उपज पर दो लाख तथा कृषि मंडी अधिनियम की धारा 37(2) के अनुसार मंडी प्रांगण में खरीदी गई कृषि उपज का भुगतान करना आवश्यक है ।ऐसा नहीं करने पर विक्रेता को देय राशि के 1प्रतिशत की दर से अतिरिक्त भुगतान 5 दिन के अंदर करने का नियम है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में उपज विक्रय करने पर उसी दिन अधिकतम 2 लाख रूपए के अंदर अर्थात 1 लाख 99 हजार 999 रूपए का भुगतान करने की छूट है ।इस प्रकार भुगतान प्राप्त करने पर किसानों को उनका पेनकार्ड अथवा अन्य कोई दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं है ।इससे अधिक मूल्य होने पर शेष राशि बैंक के ट्रांसफर से भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं ।कृषि विपनान बोर्ड के संचालक फैज अहमद किदवई द्वारा समस्त मंडियों के भार साधक अधिकारियों एवं मंडी सचिवों को निर्देश जारी किए गए हैं ।
विदित रहे कि अभी तक आयकर अधिनियम का उल्लेख करते हुए किसानों को दस-बीस हजार रुपए तक का नगद भुगतान किया जा रहा है ।शासन के इस आदेश के बाद अब स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो गई है और व्यापारियों को दो लाख रूपए तक का नगद भुगतान किसानों को करना होगा, नहीं तो उन्हें प्रतिदिन किसान की राशि पर 1 प्रतिशत अतिरिक्त देना होगा।