भारत का पाकिस्तान को सख्त संदेश, कहा- तुरंत पायलट को करें रिहा
भारत का पाकिस्तान को सख्त संदेश, कहा- तुरंत पायलट को करें रिहा
भारत अपने विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की सकुशल वापसी के लिए पाकिस्तान पर लगातार दवाब बना रहा है। भारत ने साफ किया है कि पाकिस्तान जल्द से विंग कमांडर अभिनंदन को अपने कब्जे से रिहा कर भारत को सौंपे। भारत ने साफ किया है कि अगर विंग कमांडर अभिनंदन के साथ बुरा बर्ताव हुआ तो पाकिस्तान को महंगा पड़ेगा। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अगर पायलट को खरोंच भी आई तो पाकिस्तान को महंगा पड़ेगा। भारत ने साफ शब्दों में कह दिया है कि अगर पायलट को कुछ भी हुआ तो कार्रवाई करेंगे। भारत ने कहा है कि पाकिस्तान तुरंत पायलट को रिहा करे। भारत ने कहा है कि उसे पायलट की रिहाई पर कोई सौदेबाजी मंजूर नहीं है। भारत ने इस मामले में किसी तीसरे पक्ष की दखल को भी नकार दिया है। भारत ने कहा है कि इस मामले में किसी तीसरे देश की मध्यस्थता उसे मंजूर नहीं है। दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान से कोई अच्छी खबर आ रही है और वो इस मामले में मदद कर रहे हैं।
आपको बता दें कि भारत ने बुधवार दोपहर को ही नई दिल्ली में पाकिस्तान के कार्यवाहक हाई कमिश्नर को आपत्ति पत्र भेजते हुए भारतीय पायलट की तुरंत रिहाई की मांग की थी। देर रात इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग ने पाकिस्तान से औपचारिक तौर पर पायलट की रिहाई को कहा है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय को भारत ने इस मामले में एक चिट्ठी भी लिखी है, हालांकि पाकिस्तान ने इस पर अब तक कोई जवाब नहीं दिया है।
इससे पहले भारत ने पाकिस्तानी राजदूत को बुलाकर स्पष्ट कह दिया है कि हमारा फ़ाइटर पायलट हमें लौटा दो, वैसे पाकिस्तान के पास अधिक विकल्प हैं भी नहीं। क्योंकि जेनेवा संधि के मुताबिक पाकिस्तान हमारे पायलट को हाथ भी नहीं लगा सकता है। भारत ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि पाकिस्तान इस संधि का उल्लंघन कर चुका है, क्योंकि उसने पायलट की घायल तस्वीरें और वीडियो साझा की है जो नियमों के खिलाफ हैं। अंतरराष्ट्रीय जिनेवा संधि में युद्धबंदियों को लेकर नियम बनाए गए हैं। इसके तहत युद्धबंदियों को डराने-धमकाने का काम या उनका अपमान नहीं किया जा सकता। युद्धबंदियों को लेकर जनता में उत्सुकता पैदा भी नहीं करनी है। संधि के मुताबिक, युद्धबंदियों पर या तो मुकदमा चलाया जाएगा या फिर युद्ध के बाद उन्हें लौटा दिया जाएगा।