‘शहीद भगत सिंह शासकीय स्नातक महाविद्यालय आष्टा में एड्स जागरुकता सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इसके तृतीय दिन महाविद्यालय में एड्स के लक्षण, बचाव व सुरक्षा के उपायों के संबंध में परिचर्चा की गयी। एच.आई.वी. वायरस छूने से हाथ मिलाने से नही फैलता इसलिये एच.आई.वी. पीडि़त से आप किसी भी प्रकार का भेदभाव न करें और उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जाये जिससे उन्हे खुशी मिलें। असुरक्षित यौन संबंध न करें, सीरिंज का दुबारा प्रयोग न करें, शेंव करने के लिये इस्तेमाल किये गये ब्लेड का प्रयोग दुबारा न किया। एच.आई.वी. एड्स के शारीरिक लक्षण पर छात्र/छात्राओं ने परिचर्चा की तथा इस अवसर पर शपथ ली की वह अपने आस-पास के लोगों को इस विषय में जागरुक करेंगे। इस विषय पर बोलने से वह बिल्कुल नही हिंचकिचाएँगे और खुलकर इस विषय पर बात करेंगे ताकि लोग जागरुक हो सके। कार्यक्रम प्रभारी डॉ.ललिता राय श्रीवास्तव ने बताया कि 1981 में न्यूयार्क में इसके बारे में पहली बार पता चला। 1981 से 1907 तक लगभग 25 लाख लोग इस बीमारी से मर चुके है। इससे शरीर की रोग-प्रतिरोध क्षमता धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है। इस अवसर पर श्री विनोद पाटीदार, डॉ.बेला सुराणा, डॉ.सीमा त्रिवेदी आदि उपस्थित थे
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