आखिर निर्णय वापस लेना पड़ा आस्था की हुई जीत जिस तरह से
शाँति समिति की बैठक में हिन्दुउत्सव समिति के अध्य्क्ष ने त्यौहार न मनाए जाने जुलूस न निकाले जाने का पूरी क्षमता से विरोध दर्ज करवाया था और किसी भी प्रकार के जुलूस,जलसों को निकालने व रावण दहन न करने की बात कही थी आखिर अब क्या वजह रही जो पुनः 10 फीट के रावण बनाने के लिए भूमि पूजन करना पड़ रहा है। या तो आपने बगैर किसी से राय मशवरा करके स्वयं ये निर्णय लिया था ये समिति के वरिष्ठ जनों ने त्यौहार न मानने के लिए आपको मजबूर किया था । खैर अब ऐसी क्या वजह बनी जिसको लेकर आप रावण दहन का आयोजन कर रहे हैं।क्या इस बात का एहसास हुवा की लोगों की आस्था और विश्वाश के साथ कहि न कहीं अति हुई है।एक तरफ अलीपुर में दशहरा पर्व धूमधाम से मनाए जाने कोविड-19 का ध्यान रखते हुवे मनाने की बात सामने आरही है वही आष्टा में नदी के इस पार नही मनाने की बात थी।लोगों में चर्चा का विषय बनी हुई थी ।ये कहावत यहाँ चरितार्थ हुई देर आये दुरुस्त आए। अब सवाल हिन्दू उत्सव समिति के अद्यक्ष से
क्या बहुजन समाज की राय पुनः ली गई या नगर के वरिष्ठ गणमान्य नागरिकों की बैठक में यह निर्णय लिया गया है यदि नगर के वरिष्ठ औऱ गणमान्य नागरिकों के साथ बैठक में निर्णय लिया गया है तो वह स्वागत योग्य है, ताकि आने वाले भविष्य में कोई भी बगेर सामाजिक राय के कोई बड़ा निर्णय न ले।।
आज हिन्दू उत्सव समिति के तत्वधान में विजय दशमी उत्सव समिति द्वारा दशहरे मैदान का भूमि पूजन किया गया इस बार कोविड 19 को ध्यान रखते हुए रावण के पुतले का साइज छोटा कर के 10 फिट के रावण के पुतले का निर्माण रावण निर्माण समिति के द्वारा किया जाएगा भूमि पूजन के अवसर पर हियुस के अध्यछ रूपेश राठौर ,विजय दशमी समिति के पूर्व अध्यछ राजेन्द्र ठाकुर मुरावर का गला व्यापारी कमल ताम्रकार ने साफा बांध कर स्वागत किया भूमि पूजन में लखन पाटीदार ,आनद गोस्वामी, उपस्थित हुए
Sign in
Sign in
Recover your password.
A password will be e-mailed to you.