अलविदा मेजर चित्रेश ,शादी के 20 दिन पहले शहीद हुए मेजर चित्रेश, शाॅपिंग पूरी करके लाैटे थे ड्यूटी पर
आईईडी बम को डिफ्यूज करने की कोशिश शहीद मेजर चित्रेश सिंह का आज अंतिम संस्कार होगा। मेजर चित्रेश सिंह बिष्ट की आगामी सात मार्च को शादी होनी थी और पूरा परिवार उनकी शादी की तैयारी कर रहा था। लेकिन किस्मत ने क्रूर मोड़ लिया और रविवार को वे सभी लोग मेजर के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे।
DEHRADUN: …अपने दोस्त और रिश्तेदारों को कुछ दिन से यही डेट सेव करने का मैसेज भेज रहा था पुलिस के रिटायर्ड इंस्पेक्टर एसएस बिष्ट का सेना में मेजर बेटा चित्रेश बिष्ट। शादी की डेट तय हो गई थी। घर में खुशियों का माहौल था। लेकिन एक ही पल में खुशियां बिखरी गईं। शनिवार को चित्रेश एलओसी पर विस्फोटक को निष्क्रिय करते शहीद हो गया। चित्रेश सेंट जोजेफ स्कूल में पढ़ा और वर्ष 2010 में आईएमए से पास आउट होकर ऑफिसर बना था।
7 मार्च को थी शादी
मेजर चित्रेश का परिवार ओल्ड नेहरू कॉलोनी में रहता है। मूल रूप से रानीखेत के रहने वाले पिता एसएस बिष्ट पुलिस के रिटायर्ड इंस्पेक्टर व मां रेखा हाउसवाइफ और बड़ा भाई नीरज इंग्लैंड में आईटी इंजीनयर है। आर्मी इंजीनियरिंग कोर में तैनात मेजर चित्रेश की दून में ही रहने वाले महाराष्ट्र मूल की आईटी इंजीनियर लड़की से शादी तय हो चुकी थी। 7 मार्च को दोनों की शादी होनी थी। चित्रेश की शहादत से दून सहित देश भर में शोक की लहर दौड़ गई। उसके घर आईजी गढ़वाल अजय रौतेला, एसपी ट्रैफिक प्रकाश चंद आर्य विधायक विनोद चमोली ,उमेश काऊ समेत बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।

शॉपिंग कर ड्यूटी पर गया था चित्रेश
शहीद चित्रेश कुछ दिन पहले शादी की शॉपिंग के लिए दून आया था। 3 फरवरी तक शॉपिंग कर ड्यूटी पर गया था और फरवरी के अंत में उसे वापस आना था। फ्राइडे नाइट में ही मां से उसकी फोन पर बात हुई थी।
जम्मू एवं कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा के पास आईईडी निष्क्रिय करते समय शहीद हुए मेजर बिष्ट (31) की शहादत के अगले दिन नेहरू कॉलोनी स्थित उनके आवास पर मातम पसरा है। मेजर बिष्ट अपनी शादी के लिए 28 फरवरी को घर आने वाले थे। उनका पार्थिव शरीर यहां मिलिट्री हॉस्पिटल में रविवार को पहुंचा।
अंतिम संस्कार के लिए इसे सोमवार सुबह उनके आवास पर ले जाया जाएगा। खुशियों का शोरगुल दुखी परिजनों के करुण क्रंदन में बदल गया। उनके पिता सेवानिवृत्त पुलिस निरीक्षक एस।एस। बिष्ट ने कहा, “अजीब विडंबना है। वह शादी के लिए घर आने वाला था। अब हम उसके पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे हैं।”
मेजर के पिता पहले ही अपने बेटे की शादी के ज्यादातर कार्ड बांट चुके थे और शादी के लिए गांववासियों और रिश्तेदारों को आमंत्रित करने के लिए वह इसी महीने कुमाऊं जिले में स्थित अपने गांव पीपली गए थे। मेजर विष्ट नौशेरा सेक्टर में बम निरोधक दस्ते की अगुआई कर रहे थे, जब आईईडी में विस्फोट हुआ।
मेजर के परिजन और पड़ोसी उन्हें इंजीनियरिंग कॉर्प्स का बहादुर और ईमानदार अधिकारी बुलाते थे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, “मैं देश की सेवा में मेजर बिष्ट की शहादत को नमन करता हूं और शहीद के परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। संकट की इस घड़ी में पूरा देश उनके साथ खड़ा है। ” राज्यपाल बेबी रानी मौर्या और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी मेजर बिष्ट के निधन पर शोक व्यक्त किया।